छठ महापर्व :व्रतियों ने अस्त होते सूर्य को अर्पित किया अर्घ्य ,जल में खडी रही व्रती महिलाएं
मान्यता: ढलते सूर्य को अर्घ्य देने से बढती है नेत्र ज्योति, स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतें होती हैं दूर
संवाददाता शशि धामा
खेकडा।लोक आस्था के महापर्व छठ पर गुरुवार शाम खेकडा में व्रतियों ने ढलते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।इस दौरान बड़ी संख्या में पूर्वांचल के श्रद्धालुओं ने अपने घरों व सार्वजनिक स्थलों पर ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया।
हिंदू धर्म से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शाम के समय सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं। ऐसे में छठ पूजा में शाम के समय सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।इस मौके पर सीएचसी परिसर में एकत्र हुए पूर्वांचल के परिवारों ने हर्ष के साथ पर्व मनाया। महिलाओं ने समृद्धि के प्रतीक सूर्य देव के पूजन में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा । इस कड़ी में गुरुवार शाम पर डूबते सूरज को अर्घ्य दिया गया। व्रती पुष्पा पटेल, सविता यादव आदि ने बताया कि, ढलते सूर्य को अर्घ्य देने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई दिक्कतें दूर होती हैं। इसके साथ ही वैज्ञानिक नजरिये से भी ढलते सूर्य को अर्घ्य देने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। पूजा के दौरान सीएचसी अधीक्षक डा ताहिर, डा अनुराग चौरसिया, मधु गौतम, विपिन कुमार, अनिल कुमार, पंकज जोशी आदि मौजूद रहे।