पति की मौत से शोकाकुल विरेश देवी ने संघर्षों में राह बनाते हुए बेटे किए कामयाब

पति की मौत से शोकाकुल विरेश देवी ने संघर्षों में राह बनाते हुए बेटे किए कामयाब

••महिला सशक्तिकरण की अद्भुत मिसाल है पुरा महादेव गांव की वीरेश

••8 बीघा जमीन, परिवार के दूसरे लोगों ने भी किया किनारा, खुद खेती और बच्चों की परवरिश भी

संवाददाता संजीव शर्मा

बालैनी। दो मासूम बच्चों व पति के सान्निध्य में प्रसन्न रही बीरेश देवी पर अचानक दुख का पहाड टूट पडा। पति की दुर्घटना में हुई मौत के बाद अपने असहनीय दुख को जैसे तैसे झेलते हुए वीरेश मासूम बच्चों की परवरिश में जुट गई। अभी बडा बेटा 11 साल का तथा छोटा 3 साल का ही था। बीरेश ने पति के सपनों को संकल्प रूप में लेकर वह सब किया, जो महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन गया। 

पूरा महादेव की रहने वाली बिरेश देवी ने नारी शक्ति की ऐसी मिसाल पेश की, जिसे पूरा महादेव व आसपास के ग्रामीण भी उनकी सराहना करते हैं। उन्होंने 33 साल पहले पति को खोने के बाद ,खेतो में दिन रात मेहनत करके दोनो बेटो को पढ़ाया लिखाया ,जिसमें बड़ा बेटा कपिल मलिक सेना में व छोटा बेटा निखिल मलिक यूपी पुलिस में एसआई के पद पर तैनात हुए हैं। 

बता दें कि, बिरेश देवी के पति सत्यपाल मलिक की 1992 में रोड ऐक्सिडेंट में मौत हो गई थी ,उस समय बिरेश देवी के बड़े पुत्र कपिल मलिक की उम्र 11 वर्ष थी और छोटे बेटे निखिल मलिक की उम्र 3 साल ही थी। पति की मौत के बाद बिरेश देवी के हिस्से में आई मात्र 8 बीघा भूमि । उसने उसी में खेती की। बिरेश देवी ने अटूट मेहनत करते हुए बच्चों को स्कूल भेजकर खेतों में जाकर तथा स्कूल से वापसी के समय घर पर आकर उनके खाने से लेकर स्कूल ड्रेस और होमवर्क तक में सहयोगी बन,अपनी थकान और आराम को दरकिनार कर दिया था।इतना ही नहींं बच्चों के सामने कभी अभाव अथवा अपने आंतरिक दुख को प्रकट न करते हुए जीवन में आगे बढने की सीख भी देना उनकी जीवनचर्या का हिस्सा बन गया था। 

अपने दोनो बेटों को उनके मनमाफिक पढ़ाई कराने का फल आज बिरेश देवी को मिला। बड़ा बेटा पढकर सेना में भर्ती हुआ तो दूसरा बेटा भी कामयाब हो गया, जो आज यूपी पुलिस में एसआई के पद पर तैनात है। 

भगवान भोलेनाथ पर अटूट विश्वास है बिरेश देवी का

बिरेश देवी ने बताया कि, पति की मौत के बाद वह अपने को अकेला मान गई थी। घर परिवार ने भी किनारा किया, लेकिन भगवान भोले के मंदिर में सुबह 4 बजे रोज जाना शुरू किया। बताया कि, भोलेनाथ के आशीर्वाद से ही सब कुछ हुआ। आज भी बिरेश देवी भगवान भोलेनाथ की नियमित पूजा करती हैं। 

दोनो बेटो की शादी भी बिना दान दहेज की

पूरा महादेव की बिरेश देवी ने बताया कि, मैंने अपने दोनों बेटों की शादी बिना दान दहेज के की है।हमारे समाज से दहेज प्रथा खत्म होनी चाहिए, क्योंकि जिसने अपनी लड़की दे दी, उसने सब कुछ दे दिया।