चित्रकूट-धु्रव चरित्र सुनाकर संतानों को बनाएं उनके तरह - भागवताचार्य।
चित्रकूट: श्रीमद भागवत कथा सप्ताह के तृतीय दिवस व्यास पीठासीन सिद्धार्थ महाराज ने कहा कि जीव मात्र ही उत्तानुपाद है। सभी की दो पत्नियां है, एक सुरुचि मतलब जो आपको अच्छा लगे, मनमानी आचरण करना, धर्म विरुद्ध आचरण करना, उसका पुत्र होगा उत्तम मानो जो अंधकार से घिरा हुआ है, जो कुछ समय में नष्ट हो जायेगा। दूसरी पत्नी सुनीत सुंदर नीत, धर्म आचरण करना, गुरू जन, माता-पिता की आज्ञा का पालन करना उसका पुत्र धु्रव होगा जो कभी नष्ट नहीं होगा। भागवताचार्य ने आग्रह किया कि आप अपनी संतानो को धु्रव प्रहलाद चरित्र सुना कर उनको उनकी तरह बनाएं। जिससे निज धर्म की रक्षा होगी। भक्त प्रहलाद की झाकी के साथ रस मई कथा में वन सब झूमते दिखे। इस मौके पर आरएसएस जिला कार्यवाहिका संगीता करवरिया, समाजसेवी जय श्री जोग, भाजपा महिला मोर्चाप्रभारी रंजना उपाध्याय, मंजू करवरिया, गोविंद करवरिया, शंकर दयाल पयासी, नरोत्तम करवरिया, सौरभ पयासी, रवी करवरिया, विष्णु करवरिया, राजेश पांडेय, शिवाकांत करवरिया, ज्योती करवरिया आदि मौजूद रहे।