सहारनपुर में फर्जी पत्रकारों का आतंक: पुलिस और ट्रैफिक कर्मियों को धमकाने वाले तथाकथित पत्रकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

सहारनपुर में फर्जी पत्रकारों का आतंक: पुलिस और ट्रैफिक कर्मियों को धमकाने वाले तथाकथित पत्रकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

 सहारनपुर के थाना मंडी और नगर कोतवाली क्षेत्र में फर्जी पत्रकारों द्वारा पुलिसकर्मियों और ट्रैफिक कर्मियों को धमकाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ये तथाकथित लोग, जो खुद को पत्रकार बताते हैं, स्थानीय पुलिस और ट्रैफिक विभाग पर अपना रोब गालिब कर रहे हैं और यहां तक कि मंडी समिति जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी इनका दबदबा देखा जा रहा है।

 संस्थान ने किया खुलासा: "ये फर्जी पत्रकार हैं"

जिस मीडिया संस्थान का नाम लेकर ये लोग खुद को पत्रकार बताते हैं, वहां के प्रभारी ने स्पष्ट कर दिया है कि ये व्यक्ति न तो उनके संस्थान से जुड़े हैं और न ही पत्रकारिता से इनका कोई संबंध है। ये लोग महज दिखावा कर रहे हैं, और इनमें से कुछ व्यक्ति संस्थान के प्रभारी के व्यक्तिगत रिश्तेदार या उनके दोस्तों के दोस्त हैं, जिनका इस पेशे से कोई वास्ता नहीं है। इसके बावजूद, ये फर्जी पत्रकार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को फोन पर धमकाते हैं और डराने-धमकाने का काम करते हैं।

 फर्जी पत्रकारों का बढ़ता आतंक:

इन फर्जी पत्रकारों का रोज़ का काम ट्रैफिक पुलिस, थाना पुलिस और होमगार्ड कर्मियों को धमकाना और उन्हें दबाव में लाना है। वे पुलिस कर्मियों को गुमराह करते हैं और पुलिस जांच से बचने के लिए पत्रकार का झूठा परिचय देते हैं।फोन पर भी और सामने आने पर भी यह स्थिति कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन रही है, क्योंकि ये लोग न केवल अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए पुलिस विभाग पर दबाव बनाते हैं बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं।

 पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए:

स्थानीय प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस और थाना पुलिस को इन फर्जी पत्रकारों से डरने की कोई जरूरत नहीं है। जब यह फर्जी पत्रकार पुलिस को फोन करके धमकाते हैं तो पुलिस को उसे फोन नंबर का भी ध्यान रखना चाहिए किस फोन से फोन आया था फिर उसकी जांच करनी चाहिए और जब यह फर्जी पत्रकार सामने जाकर पुलिस को खुद को मीडिया से बताते हैं तो तुरंत पुलिसकर्मी को इसका आई कार्ड मांगना चाहिए आई कार्ड जरुर देखना चाहिए और जरूर मांगना चाहिए यह कर्तव्य बनता है उन पुलिस कर्मियों जिन्हें यह रोज डराते और धमकाते हैं इनकी सच्चाई पहले ही सामने आ चुकी है, और इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का समय आ गया है। पुलिस और ट्रैफिक कर्मियों को सतर्क रहकर ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कदम उठाने चाहिए ताकि शहर में कानून का पालन सख्ती से सुनिश्चित हो सके।

 निवासियों और पत्रकारों की मांग:

सहारनपुर के स्थानीय निवासियों और असली पत्रकारों ने भी मांग की है कि इन फर्जी पत्रकारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि पुलिस और अन्य सरकारी कर्मियों को धमकाने वाली इन गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। इसके अलावा, ऐसे व्यक्तियों को कानूनी तौर पर दंडित किया जाना चाहिए, जो पत्रकारिता जैसे सम्मानित पेशे का दुरुपयोग कर रहे हैं।