रामलीला में धनुष यज्ञ की लीला का मंचन देख मंत्रमुग्ध हुए दर्शक।
चित्रकूट: रामलीला महोत्सव में धनुष यज्ञ की लीला का मंचन देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। रावण और बाणासुर संग्राम के साथ भगवान श्रीराम के धनुष भंग करते ही जयकारे और पटाखे गूंजने लगे। मिथिला नरेश जनक की पुत्री सीता ने राम को जयमाला पहनाई। इस दौरान मंगल गीत व नृत्य की प्रस्तुतियां आकर्षण का केन्द्र रहीं।
शहर के तरौंहा में चल रही रामलीला के सातवें दिन कलाकारों ने धनुष यज्ञ की लीला का मंचन किया। राष्ट्रीय रामायण मेला के कार्यकारी अध्यक्ष प्रशांत करवरिया, पूर्व नगर पालिका चेयरमैन नीलम करवरिया व कथा प्रवक्ता बदरी प्रपन्नाचार्य ने प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और धनुष की पूजा अर्चना की। इसके बाद रामलीला की शुरुआत हुई। मंचन के अनुसार जनकपुर में विवाह की खुशियांें के बीच राजा जनक ने ऐलान किया जो शिव धनुष को भंग करेगा उसके साथ वैदेही का विवाह होगा। इस समारोह में बड़े-बड़े योद्धा, राजा, राजकुमार आए। वहीं गुरु विश्वामित्र के साथ श्रीराम और लक्ष्मण भी सभा में शामिल हुए। जिनका राजा जनक ने भव्य स्वागत किया। जब धनुष को उठाने के लिए बारी-बारी से तमाम बड़े योद्धा हार गए। तब गुरु आज्ञा पाकर प्रभु श्रीराम ने धनुष को स्पर्श किया तो धनुष टूट गया। धनुष भंग होते ही पंडाल में जय श्रीराम के जयकारे गूंज उठे। पटाखे दागे गए। सीता ने श्रीराम को वरमाला पहनाई। इस दौरान हास्य कलाकार की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को ठहाके लगाने में मजबूर कर दिया। पेटल नरेश के किरदार के अलावा नत्य की प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। इधर धनुष टूटते ही परशुराम क्रोधित हो गए और जनकपुर आए।