परमात्मा का मुख्य नाम हैं ओउम्:आ अरविन्द शास्त्री
संवाददाता आशीष चंद्रमौली
बडौत | उच्च राजनीतिक व धर्मगुरुओं के स्तर पर धर्मों की प्राचीनता तथा उत्पत्ति आदि की बहसों के बीच संस्कृत के मूर्धन्य विद्वान आचार्य अरविंद शास्त्री ने ओउम् को परमात्मा का मुख्य नाम बताया |
राष्ट्र कल्याण एवम् पर्यावरण शुद्धि हेतु योगाचार्य अरविंद शास्त्री के ब्रह्मत्व में गाँव आजमपुर मुलसम में तीन दिवसीय ऋग्वेद खंड पारायण महायज्ञ के दूसरे दिन आचार्य अरविंद शास्त्री ने बताया कि ,परमात्मा के अनेक गौणिक नाम हैं ,लेकिन उस प्रभु का मुख्य नाम ओउम् है , इसलिए मनुष्यों को प्रतिदिन ओउम् का उच्चारण करना चाहिए क्योंकि ओउम् ही जीवन हैं और ओउम् ही अंत | कहा कि, प्रतिदिन ओउम् का उच्चारण करने से अनेक रोगों से निजात पाई जा सकती हैं ।
बताया कि यज्ञ का शाकल्य औषधि युक्त होना चाहिए घृत को शुद्ध बनायें और यज्ञ करें, तभी राष्ट्र का कल्याण व पर्यावरण की शुद्धि होगी । इस अवसर पर रोहित शास्त्री व कपिल शास्त्री ने मंत्रोच्चार करते हुए यज्ञ को सम्पन्न कराया । रविन्द्र कुमार व गुरमीत आर्य सपत्नीक यज्ञमान रहे ।
इस अवसर पर मास्टर कृष्णपाल ,प्रेम सिंह ,जयपाल सिंह ,योगेंद्र आर्य , सोहनपाल आर्य,जितेंद्र कुमार , प्रधानाचार्य रामपाल तोमर ,रवि शास्त्री ,मुकेश आर्य ,आकाश आर्य , मा संजीव कुमार व क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।
यज्ञ की महत्ता को दर्शाते हुए आचार्य अरविन्द शास्त्री ने बताया कि, यज्ञ हवन ,सभी जीवों को सुख पहुंचाता है इसलिए मनुष्यों को चाहिए कि ,वह जितने भी शुभ कार्य करे ,सबसे पहले यज्ञ करे |