ADO पंचायत को खंड प्रेरक ने दी जान से मारने की धमकी DPRO पर भी लगे रिश्वत मांगने के आरोप
रायबरेली। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति बेअसर साबित हो रही है यहां इस कदर भ्रष्टाचार व्याप्त है कि कर्मचारी से लेकर अब अधिकारी भी भ्रष्टाचार की काली कमाई करने में डूबा हुआ है।ये हम नहीं खुद एक ब्लॉक स्तर का अधिकारी आरोप लगा रहा है।जो पत्नी बच्ची सहित जिला अधिकारी से मिलने पहुंचा है ।खंड प्रेरक और डीपीआरओ की मिलीभगत से जमकर ब्लॉक में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है यही नहीं एडीओ पंचायत को खंड प्रेरक ने जान से मारने की धमकी तक दे डाली। अंकित की वसूली को लेकर कई बार बहस भी हुई पीड़ित एडीओ पंचायत ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से की है।लेकिन अब तक किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हुई। कार्यवाही न होने से मनबढ़ खंड प्रेरक की मिली भगत से एडीओ पंचायत को बछरावां ब्लॉक से हटा कर दूसरी जगह पर संबद्ध कर दिया गया। मामला बछरावां ब्लॉक का है यहां तैनात एडीओ पंचायत प्रेमपाल सिंह ने डीपीआरओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कि उनसे ₹100000 की मांग की गई है। सभी त्योहारों में वसूली करने के लिए फोन आते हैं अन्यथा कार्यवाही की धमकी दी जाती है। वही खंड प्रेरक व डीपीआरो की मिली भगत से बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है।जिसको लेकर एडीओ पंचायत प्रेमपाल सिंह ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र दिया और पूरे मामले में जांच कर कार्यवाही की मांग की। एडीओ पंचायत प्रेमपाल सिंह ने बताया कि खंड प्रेरक अंकित अवस्थी पद पर बने रहने के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा षड्यंत्र बनाकर खंड प्रेरक से घूस लेकर उसी के द्वारा 8 फरवरी 2010 को फोन करके ऑडियो रिकॉर्ड कर एडीओ पंचायत को फंसाने की साजिश रची गई लेकिन उस में नाकाम रहे। बछरावां ब्लॉक में ही तैनात ADO पंचायत व खंड प्रेरक अंकित अवस्थी में इस समय ठना ठनी का माहौल है। फोन पर ₹100000 की मांग की गई 19 जनवरी को खराब प्रगति पाए जाने पर पूछा गया तो बताया कि बछरावां विकासखंड में तीन खंड प्रेरक नियुक्त श्वेता यादव प्रसूता होने के कारण अवकाश पर हैं। दीपा मिश्रा अपने साथ 1 अपनी बच्ची को लेकर आती हैं उसे केवल खेलाती रहती हैं कोई काम नहीं करती है। खंड प्रेरक अंकित अवस्थी को विकासखंड शिवगढ़ से बछरावां में तैनात किया गया हैं उन्होंने 15 दिन कार्य किया उसके बाद खंड विकास अधिकारी के कार्यालय में रखा गया उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर बनाकर चले जाते थे। अंकित ने स्वयं एडीओ पंचायत से कहा कि वह ठेकेदारी का कार्य करता है। कार्य समाप्त होने पर विकासखंड आऊंगा लेकिन वह केवल हस्ताक्षर करने चले जाते थे।पंचायत द्वारा उनको लगातार नोटिस भी दिया गया लेकिन नोटिसो पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। इसी से बौखलाए अंकित हमेशा स्थानीय राजनेताओं से लामबंदी कराने की धमकी देता रहता है ।जिसकी बातचीत की ऑडियो भी एडीओ पंचायत के पास संरक्षित है जिसमें पैसे मांगे जाने की बात सिद्द हुई है। डीपीआरओ के संरक्षण में खंड प्रेरक गांव में जाकर पंचायत सचिवों से वसूली के लिए कहा जाता है जिसकी रिकॉर्डिंग सुनने पर सच सामने आएगा जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा खंड प्रेरक अंकित अवस्थी को लेकर अग्रणी रहते हैं जिसकी जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हर्षिता जैन एसडीएम सदर कर रहे हैं इस वसूली को लेकर ग्राम प्रधानों द्वारा लिखित प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया गया था कि अंकित अवस्थी खंड प्रेरक सभी ग्राम पंचायतों में नहीं आते हैं और फोन पर ही वसूली करते हैं।सोलर लाइटें भी प्रधानों को फोन करके उनसे वसूली की मांग की डीपीआरओ ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को दिए गए शिकायती पत्र में जांच कर कानूनी कार्यवाही की मांग की है।