पाबला के सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार राजकीय महाविद्यालय के निर्माण में भारी शिथिलता हुई उजागर

पाबला के सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार राजकीय महाविद्यालय के निर्माण में भारी शिथिलता हुई उजागर

 ••जिलाधिकारी ने संबंधित के निलंबन की संस्तुति करते हुए शासन को भेजी रिपोर्ट
••निर्माण में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ होगी शासन से कड़ी कार्यवाही
••पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियन्ता ने रिपोर्ट में 27 बिंदुओं पर तकनीकी कमियों का किया उल्लेख

ब्यूरो डा योगेश कौशिक

बागपत | राज्य सरकार द्वारा पाबला में बनवाए जा रहे सम्राट् मिहिर भोज प्रतिहार राजकीय महाविद्यालय के निर्माण में करोड़ों रुपये की धनराशि मुहैया कराए जाने के बावजूद घटिया सामग्री और पर्यवेक्षण में भारी कमियाँ देखकर जिलाधिकारी द्वारा मौके पर जांच कराने की बात कही थी | पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता द्वारा 27 बिंदुओं पर दी जांच रिपोर्ट | रिपोर्ट में अनेक कमियों को किया गया उजागर | जिलाधिकारी ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए सख्त कार्यवाही की संस्तुति की |

बता दें कि,जनपद के ग्राम पाबला में 878 लाख 57 हजार की धनराशि से निर्माणाधीन सम्राट् मिहिर भोज प्रतिहार राजकीय महाविद्यालय का निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड मेरठ इकाई द्वारा किया जा रहा है | कार्य प्रारंभ करने की तिथि 13 मार्च 2020 थी और कार्य समाप्त होने की तिथि 31 जुलाई 2023 है।

 जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा गत 6 जुलाई को निरीक्षण के दौरान बिल्डिंग में खराब गुणवत्ता का कार्य और कार्य के पर्यवेक्षण में भी कमियां पाई गई थी, जिसकी तकनीकी जांच के लिए जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी अतुल कुमार से करने के निर्देश दिए थे | इसबीच अधिशासी अभियंता ने 27 बिंदुओं पर जांच करने के बाद जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है, जिसमें उजागर हुआ कि, परियोजना के निर्माण व पर्यवेक्षण में भारी शिथिलताएं बरती गयी हैं | रिपोर्ट में उन 27 कमियों का उल्लेख भी विस्तार से किया गया है | 

रिपोर्ट से प्रतीत होता है कि ,मौके पर किया गया निर्माण कार्य ,अत्यन्त खराब गुणवत्ता व खराब पर्यवेक्षण के साथ किया गया है | ऐसी स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी ने समस्त सम्बन्धित अधिकारियों का दायित्व निर्धारण किया जाना और इंगित समस्त कमियों का निराकरण कराया जाना अति आवश्यक माना है ।

जिलाधिकारी ने संबंधित परियोजना की रिपोर्ट प्रबंध निदेशक राजकीय निर्माण निगम को प्रेषित की है , जिसमें अपर परियोजना अधिकारी मानवेंद्र व जूनियर इंजीनियर योगेंद्र कुमार ने कार्य खराब गुणवत्ता के साथ किया है और कार्य में भी लापरवाही की बात सामने आई है ।