श्वान निद्रा बगुले सा ध्यान, इनसे बनें विद्यार्थी महान : जैन संत सुनील सागर

श्वान निद्रा बगुले सा ध्यान, इनसे बनें विद्यार्थी महान : जैन संत सुनील सागर

संवाददाता शशि धामा

खेकड़ा।बडागांव के स्वादवाद एकेडमी में महाराज श्री सुनील सागर ने बच्चों को तत्व ज्ञान दिया और कहा कि, काक चेष्टा वको ध्यानम् स्वान निंद्रा तथैव च, अल्पाहारी गृहत्यागी विद्यार्थी पंच लक्षणम्। इस स्लोक का पालन कर बेहतर शिक्षा अर्जित करें।

खेकड़ा में पंच कल्याणक महामहोत्सव का समापन के बाद शनिवार को जैन समाज के बडे संत आचार्य सुनील सागर महाराज अतिश्य क्षेत्र बडागांव पहुंचे। उन्होने त्रिलोक तीर्थ मंदिर, साधुवृति आश्रम और प्राचीन पार्श्वनाथ मंदिर का भ्रमण किया। वहीं परिसर में मौजूद स्यादवाद एकेडमी में धर्म सभा में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, कव्वे जैसी चेष्टा हो, बगुले जैसा ध्यान, कुत्ते के समान तुरंत जाग जाने वाली निद्रा, कम भोजन करने वाला और शिक्षा पाने के लिए घर का त्याग करने से ना डरने वाला विद्यार्थी हो, ये पांच लक्षण वाले विद्यार्थी उच्च शिक्षा ग्रहण कर बडे अधिकारी बनते हैं , वहीं समाज और देश की सेवा करते है। 

इस दौरान त्रिलोक तीर्थ के प्रबंधक त्रिलोक चंद जैन, साधुवृति आश्रम समिति के महामंत्री डा राजीव जैन, सुभाष जैन, संजीव जैन, प्रधानाचार्या सीमा दुग्गल, प्रदीप त्यागी आदि धर्मावलम्बी मौजूद रहे।