एनडीए अथवा इंडिया गठबंधन के लिए रालोद की ऊहापोह के बीच दावेदारों की पैनी नजर
••दिल्ली के राजनीतिक गलियारों के बदलते समीकरणों से बेपरवाह इंजी रामबीर सिंह लगे हैं जनसंपर्क में
ब्यूरो डा योगेश कौशिक
बडौत। राजनीतिक गलियारों में हो रही चर्चाओं के बीच पक्का माना जा रहा है कि, रालोद- भाजपा के गठबंधन की घोषणा इसी सप्ताह हो सकती है। वहीं आगामी लोकसभा चुनाव में रालोद का कौन बनेगा प्रत्याशी और और उनके मुकाबले इंडिया गठबंधन की ओर से यह सीट किस पार्टी के कोटे में जाएगी, इस अहम सवाल का भी हल तलाशने में लोग जुटे हैं।
रालोद के एनडीए में जाने की स्थिति बनती है, तो निश्चित है कि यह सीट से रालोद को दी जाएगी। चौ चरण सिंह से लेकर चौ अजित सिंह की कर्मभूमि और जयंत चौधरी को मिली बागपत जनपद की छत्तीस बिरादरी की पगड़ी का सम्मान क्षेत्र में इतना है कि, उनके चाहने वाले हर गांव और शहर में मौजूद हैं तथा उनके आह्वान पर बिना किसी चिंता या विचार के कुछ भी कर गुजरने की कुव्वत रखते हैं। लिहाजा संभावना है कि, स्वयं जयंत चौधरी रालोद के प्रत्याशी हों। इसबीच बता दें कि,उन्होंने अभी तक लोकसभा करना लड़ने की बात स्पष्ट रूप से नहीं कही है, साथ ही अपनी धर्मपत्नी चारु चौधरी को भी चुनाव मैदान में उतारने की बात से भी वे इंकार करते रहे हैं, लेकिन बदली परिस्थितियों में क्या निर्णय लेंगे, इसके लिए इंतजार करनाझ होगा।
दूसरी ओर इंडिया गठबंधन की ओर से बागपत सीट किस पार्टी के कोटे में जाएगी, इसके बारे में बताया जा रहा है कि, समाजवादी पार्टी सुप्रीम चौ चरण सिंह की कर्मस्थली रही इस सीट पर उनके पौत्र जयंत चौधरी के विरोध में सपा प्रत्याशी शायद ही उतारें, इसलिए वे इस सीट को कांग्रेस की अधिक सीटों की डिमांड को देखते हुए उनके लिए हामी भर दें। कांग्रेसी हल्कों में भी ऐसी संभावना व्यक्त की जाने लगी है।
नवाब अहमद
कभी रालोद के राष्ट्रीय सचिव रहे अहमद हमीद इन दिनों कांग्रेस में हैं, जो मेरठ से पार्टी का टिकट मांगने की जुगत भिडा रहे थे, लेकिन कांग्रेस के कोटे में यह सीट आने की स्थिति में , उनके लिए बागपत सीट को ही ज्यादा मुफीद बताया जा रहा है। वैसे नवाब अहमद हमीद भी बराबर चिंतन और हानि लाभ का हिसाब लगा रहे हैं। ऐसे हालात में उनके लिए यह सीट निकालना आसान बताया जा रहा है।
बसपा की ओर से बिना किसी प्रचार के, अपने कार्यकर्ताओं की बैठकों में लगातार चुनावी मंथन होता रहा है। तैयारियों की बात करें तो, बहुत पहले से लोकसभा सीट के लिए बसपाई उत्साहित हैं और बहन मायावती के आदेश या दिशा निर्देश का इंतजार है, मिलते ही पूरा क्षेत्र ही नीले रंग में दिखाई देगा। इसबीच पता चला है कि, बसपा की ओर से इसबार दमदार प्रत्याशी होगा, संभावना है कि, गुर्जर बिरादरी के समाजसेवी और सम्मानित व्यक्तित्व का नाम आगे बढाया जा सकता है।
इंजी रामबीर
इन सभी संभावनाओं और तैयारियों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है। प्रमुख पार्टियों के नये सिरे से होने वाले गठबंधन की घोषणा के साथ ही प्रत्याशी के नाम भी अगले पंद्रह दिन में सामने आ जाएंगे। फिलहाल इंजी चौ रामबीर सिंह भाजपा के प्रत्याशी बनने की प्रबल दावेदारी के साथ व्यापक जनसंपर्क और जनसमर्थन जुटा रहे हैं।