जमानत खारिज करने को न्याय की जीत बताया ,नगरपालिका चेयरपर्सन परिवार ने प्रयागराज हाईकोर्ट का जताया आभार
संवाददाता शशि धामा
खेकड़ा।नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन नीलम धामा के देवर व उसके साथी को गोली बरसा कर मौत के घाट उतरने के सजायाफ्ताओं की जमानत याचिका खारिज होने को चेयरपर्सन और उनके परिजन न्याय की जीत बता रहे हैं। उन्होंने निर्णय के लिए प्रयागराज उच्च न्यायालय का आभार जताया है।
बता दें कि, कस्बे में फरवरी 2017 में चेयरपर्सन नीलम धामा के देवर पुष्पेंद्र और उसके साथी बासिद को गोलियां बरसाकर मौत के घाट उतार दिया गया था। पुष्पेंद्र के बड़े भाई सुरेंद्र धामा ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पूर्व चेयरपर्सन संगीता धामा के पति रोहतास सहित कर्मवीर, सहदेव, जयवीर, रोहन, रामकुमार, परविंदर को नामजद किया गया था व दो हमलावरों को अज्ञात दर्शाया था। मुकदमे की सुनवाई के बाद बागपत न्यायाधीश ने सातों नामजदो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
जेल में रहते हुए इन सभी ने उच्च न्यायालय प्रयागराज में जमानत के लिए रिट दायर की थी। न्यायालय ने मंगलवार को दोनों पक्षों के वकीलों के तर्कों को सुनने के बाद सभी की जमानत याचिका निरस्त कर दी। चेयरपर्सन नीलम धामा, उनके परिजन सुनील धामा व डा सुरेंद्र धामा आदि ने इसे न्याय की जीत बताया। कहा कि, उच्च न्यायालय ने न्याय हित में फैसला कर उनके परिजनों और समर्थको को बड़ी राहत पहुंचाई है। इसके लिए उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त करते हैं।