हिंदू नववर्ष के अवसर पर श्रद्धालुओं ने हवन पूजन कर धर्म लाभ उठाया।
बहसूमा प्रवेंद्र कुमार जैन। हिंदू नव वर्ष के अवसर पर रामराज में हवन का आयोजन किया गया। डॉक्टर श्रीपाल कोहली ने अपने संबोधन में कहा कि मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। इसलिए इसे हिंदू नव वर्ष के रूप में मनाते हैं। इसी दिन सतयुग की शुरुआत हुई थी। इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। चैत्र ही एक ऐसा महीना है। जिसमें वृक्ष तथा लताएं पल्लवित व पुष्पित होती है। वहीं ब्रह्मचारी सिंह ने कहा कि उत्तर भारत में इस दिन चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है। इस पर्व का उल्लास पूरे देश में अलग-अलग रूपों में देखने को मिलता है जो दुर्गा पूजा के साथ रामनवमी के दिन समाप्त होता है। इस दिन लोग अपने घरों की सफाई कर रंगोली आदि से घर के आंगन व द्वार को सजाते हैं। बतादें कि हिंदू नव वर्ष का स्वागत क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ हुआ। कहीं हवन तो कहीं सूर्य को अधर्य देकर नव वर्ष का स्वागत किया गया। दिनभर विधिवत कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। रामराज में भी हिंदू समाज के लोगों ने हवन का आयोजन किया। वक्ताओं ने कहा कि पाश्चात्य अंधानुकरण के कारण भावी पीढ़ी नव संवत्सर को भूलती जा रही है। उन्होंने कहा कि सृष्टि के प्रारंभ का यह दिवस ही वर्ष का प्रथम दिन है।