पूंछ में आग लगते ही हनुमान ने जला डाली सोने की लंका
संवाददाता शशि धामा
खेकड़ा । कस्बे की रामलीलाओं में लंका दहन की का प्रसंग दिखाया गया। इससे पूर्व हनुमान के हाथों रावण का पुत्र अक्षय कुमार मारा गया।
राम की आज्ञा पाकर हनुमान मां सीता की खोज में दक्षिण दिशा की ओर चलते हैं। जटायु का भाई संपाती हनुमान को बताता है कि ,मां सीता लंका में अशोक वाटिका में हैं। हनुमान समुद्र लांघकर अशोक वाटिका में पहुंचते हैं और राम की निशानी अंगूठी मां सीता को दे देते हैं। सीता हनुमान से कहती है कि ,प्रभु राम से कहना कि, जल्द आकर उन्हें ले जाए।
सीता की आज्ञा पाकर राम अशोक वाटिका में फल खाने लगते है। रावण का बेटा अक्षय कुमार हनुमान को रोकता है तो हनुमान गदा के वार से उसे मार गिराते है। रावण का बलशाली पुत्र मेघनाथ आकर हनुमान को ब्रह्मफांस में बांध कर ले जाता है। दरबार में हनुमान का रावण से सामना होता है। रावण क्रोधित होकर सैनिकों से हनुमान की पूंछ में आग लगवा देते है। पूंछ में आग लगते ही हनुमान बंधन मुक्त होकर लंका नगरी में महल महल कूद कर आग लगा देते है। लंका धूं धूंकर जल जाती है। रामलीला संचालन में दीपक शर्मा, नितिन जैन, नेतराम, तरूण गुप्ता, राजेश शर्मा, धीरू, मनोज, हरिओम आदि का योगदान रहा।