वाल्मीकि जयंती पर जनपद ने की मिसाल कायम, जिले के गांवों और शहरों में हुई रामकथा
आइडिया जिलाधिकारी का, सहयोगी बने जनपदवासी
ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक
बागपत।आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयन्ती पर इसबार ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक, मंदिरों से लेकर सार्वजनिक स्थानों अथवा चौपालों तक हो रही है रामकथा। इस दौरान महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण पाठ, कवि तुलसीदास के रामचरितमानस की चौपाइयों के माध्यम से जनपद में नई मिसाल कायम हुई है, जिसकी जनपद के प्रबुद्ध और महर्षि के अनुयायी खूब सराहना कर रहे हैं ।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की प्रेरणा और निर्देशन में वाल्मीकि जयंती पर प्रदेश भर में ऐसी अनूठी मिसाल कायम करने वाले जनपद के सभी विकास खंडों में चुनींदा ग्राम पंचायतों, सभी नगर निकायों के मंदिरों, सार्वजनिक स्थलों, चौपालों सहित महर्षि वाल्मीकि कुटीर आदि में वाल्मीकि रामायण का पाठ श्रद्धा और विश्वास के साथ शुरू हुआ। इस दौरान महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर गांव के प्रधान, जनप्रतिनिधियों आदि ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए दुनिया के पहले महाकाव्य रामायण को भी नमन किया।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्देशन में जनपद के सभी विकास खंडों की चयनित ग्राम पंचायतों में व 9 नगर निकाय क्षेत्रों में श्री राम मंदिर, हनुमान मंदिर या वाल्मीकि मंदिर में से किसी एक मंदिर में वाल्मीकि रामायण अथवा तुलसीदास रचित रामचरितमानस का पाठ किया जा रहा है । इससे पूर्व महर्षि वाल्मीकि से सम्बन्धित स्थलों ,मंदिरों आदि पर साफ सफाई अभियान और चूना छिडकाव कर तैयारियों को अंतिम रूप दिए जाने में संबंधित जिम्मेदार लोगों ने विशेष भूमिका निभाई। वाल्मीकि जयंती पर अनूठी मिसाल बने समारोहों में दीप प्रज्वलन ,दीपदान के साथ ही लगातार 8, 12 अथवा 24 घंटे का वाल्मीकि रामायण अथवा रामचरितमानस का पाठ पर्व की सार्थकता और जीवंतता की भी मिसाल कायम करने में सफल रहा।
सुदूर ग्रामीण क्षेत्र चिरचिटा, मविकलां, बिनौली, बरनावा, आदमपुर, बडका , बिजवाडा, मिलाना आदि के मंदिरों सहित चौपालों आदि में भी समारोह पूर्वक वाल्मीकि जयंती पर रामायण पाठ किया गया।