कीचड़ से होकर जलाभिषेक करने पहुंचे शिवभक्त
जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की उपेक्षा के कारण नहीं हो पाया विकास
कीचड़ से होकर जलाभिषेक करने पहुंचे शिवभक्त
शिकायत के बावजूद भी जिला प्रशासन ने नहीं लिया संज्ञान
बड़ी संख्या में जलाअभिषेक करते हैं शिवभक्त
जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की उपेक्षा के कारण नहीं हो पाया विकास
थानाभवन- प्राचीन स्वयं भू शिव मंदिर में कीचड़ से भरे रास्ते से होकर श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। रास्ते में कीचड़ भरा होने के कारण कावड़ भी खंडित होने से बाल बाल बची। स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों एवं जनपद के अधिकारियों पर प्रसिद्ध शिव मंदिर की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया है।
थानाभवन क्षेत्र के गांव रायपुर के जंगल में प्राचीन स्वयं भू शिव मंदिर कृष्णा नदी की तलहटी में स्थित है। ग्रामीणों के अनुसार यह मंदिर प्राचीन समय से ही स्थित है।ऐसी मान्यता है कि यहां पर भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग एवं नन्दी भगवान स्वयं जमीन से प्रकट हुए थे। पुराने समय से ही यहां लोग प्रगाढ़ आस्था के चलते पूजा अर्चना करते हैं। लोगों का कहना है कि जो भी श्रद्धालु यहां पर अपनी मन्नत लेकर आता है भगवान भोलेनाथ हमेशा उसकी मन्नत पूरी करते हैं। पूरा महादेव की तरह ही इस मंदिर की भी मान्यता है।वही सावन के महीने में आसपास एवं दूरदराज से लोग मान्यता के चलते शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर हरिद्वार से कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु भी यहां पर जलाभिषेक करते हैं, लेकिन मंदिर स्थल तक जाने वाले रास्ते पर बुरी तरह से कीचड़ फैला है। जिसके कारण ना तो कोई बाइक और ना ही अन्य वाहन मंदिर तक सही तरह से पहुंच पा रहा है। श्रद्धालु कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरे। कई श्रद्धालु गिरने के कारण चोटिल भी हुए। वहीं शिवभक्तों की कावड़ भी खंडित होने से बाल बाल बची। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले वर्ष भी जिला अधिकारी को प्राचीन शिव मंदिर तक के रास्ते का निर्माण एवं धार्मिक एवं पौराणिक स्थल होने पर इसका जीर्णोद्धार करने के लिए लिखा गया था। लेकिन इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया। वहीं महाशिवरात्रि के अवसर पर भी कीचड़ भरे रास्ते का कोई समाधान नहीं किया गया। श्रद्धालुओं की कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरने की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हो रही हैं। लोगों में जनप्रतिनिधियों एवं जनपद के अधिकारियों के प्रति आक्रोश है की प्रसिद्ध मंदिर होने के बावजूद भी ध्यान नहीं दिया गया। वही मंदिर से जुड़े लोगों का कहना है कि यहां पर कावड़ियों के रुकने की व्यवस्था की जाती है। शिवरात्रि से अगले दिन भंडारे का आयोजन होता है। वहीं रात्रि में जागरण किया जाता है। व्यवस्था संभालने में मैनपाल अजब सिंह मनोज कुमार नरेश शर्मा वीरेंद्र सिंह मेघराज सिंह राजपाल नरेश सैनी प्रवीण सैनी डॉक्टर दिलीप कृष्ण पाल तीरथपाल आशु शर्मा धारा सिंह आदि शामिल रहे।