समाज को तोड़ने वालों की भरमार जोडने वालों की कमी, राम का नाम और निस्वार्थ प्रेम ही जिंदगी बदलने में समर्थ: गुरमीत राम रहीम

समाज को तोड़ने वालों की भरमार जोडने वालों की कमी, राम का नाम और निस्वार्थ प्रेम ही जिंदगी बदलने में समर्थ: गुरमीत राम रहीम

संवाददाता मनोज कलीना

बिनौली | डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने कहा कि, राम का नाम व निस्वार्थ प्रेम ,दो ऐसी बाते हैं ,जिनको अपनाने से पूरी जिदंगी बदल जाती है। साथ ही इससे पूरा समाज बदल जाता है। ऐसा करने से इंसान के अंदर-बाहर की तमाम कमियां भी दूर हो जाती हैं। ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु का नाम लेना इस घोर कलयुग में बड़ा ही मुश्किल है। इंसान को अपने काम धंधे याद रहते हैं, लेकिन भगवान का नाम लेना उसे याद नहीं रहता। उन्होंने कहा कि,आज इंसान दिन-रात काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार में लगा रहता है और भूल जाता है ,उस परम पिता परमात्मा को ,जो दया का सागर है तथा मनुष्य को समुद्र जितनी खुशियां देने वाला है और इंसान को अंदर बाहर से मालामाल बनाने वाला है। 

शाह सतनाम सिंह आश्रम बरनावा में लाइव प्रसारण के दौरान देश विदेश के अनुयायियों को गुरमीत राम रहीम सिंह ने संबोधित करते हुए आगे कहा कि, आज का इन्सान उस मालिक को भूल गया और उस मालिक की बनाई गई चीजों में दिन रात खोया हुआ मस्त है।संत,पीर व फकीरों ने यह बार-बार समझाया है, और शिक्षा दी है कि इन्सान अपने मालिक को याद करे और मालिक के नाम को जपे ,तो जरूर परम पिता परमात्मा को पा सकता है ,लेकिन उस बात को भूलकर आज का इंसान खुदगर्जी, अहंकार, काम, वासना, क्रोध, लोभ, मोह, ममता में बुरी तरह से फंसा है। 

धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि, धारण कर लेना, ग्रहण कर लेना, जोडऩा धर्म है ,लेकिन दुख की बात है कि आज समाज को तोडऩे वाले लोगों की भरमार है, जोडऩे वालों की कमी है।