चित्रकूट -ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भरत मिश्रा के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण, तीसरे वर्ष के लिए लक्ष्य तय।

चित्रकूट -ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भरत मिश्रा के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण, तीसरे वर्ष के लिए लक्ष्य तय।

- ग्रामोदय की शिक्षा को नवाचारी बनाने कुलपति प्रो. भरत मिश्रा ने लिए 11 संकल्प

- ग्रामोदय विश्वविद्यालय को नई राह पर ले जाकर अलग तरह से दिलाई जाएगी जन मान्यता

चित्रकूट: देश के अपने तरह के पहले ग्रामीण विश्वविद्यालय महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भरत मिश्रा ने 11 संकल्प लिए हैं। इन संकल्पों के माध्यम से वे ग्रामोदय की शिक्षा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप नवाचारी बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। कुलपति प्रो. भरत मिश्रा ने यह संकल्प अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर लिया। कुलपति ने अपने कार्यकाल के तीसरे वर्ष के शुभारंभ के मौके पर दो वर्ष की उपलब्धियों और भावी चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि युगानुकुल सामाजिक पुनर्रचना के संकल्प को साधने के लिए संपूर्ण ऊर्जा के विनियोग से एकादश (11) संकल्प लिये हैं। इन संकल्पों के माध्यम से ग्रामोदय विश्वविद्यालय के गौरवशाली उद्देश्यों को पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही संस्थापक कुलाधिपति भारतरत्न नाना जी देशमुख के ग्रामोदय के स्वप्न को साकार करने की दिशा में यह संकल्प मील के पत्थर साबित होंगे। कुलपति ने विश्वविद्यालय परिवार को भी विकास के इस पवित्र यज्ञ में शामिल होने का आहृवान किया। उन्होंने कहा कि ग्रामोदय परिवार के साथ मिलकर ही यह लक्ष्य प्राप्त किये जा सकते हैं। उन्होंने विकास आवश्यकताओं के अनुरूप मानव संसाधन का सृजन करना, गुणवत्तापूर्ण नियमित शिक्षा, दूरवर्ती शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा के आलोक को द्वारकृद्वार तक पहुंचाना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के युगांतरकारी प्रावधानों को व्यवहार में लागू कर मॉडल प्रस्तुत करना, शिक्षा के साथ संस्कार और पर्यावरण चेतना के विकास में योगदान, सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संस्थागत प्रयासों का अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत करना, कौशल शिक्षा के माध्यम से स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना में योगदान, व्यवहारिक एवं प्रभावी के माध्यम ग्राम्य समाज की समाजिक आर्थिक समस्याओं को सर्वसम्मत हल खोजने का प्रयास, राष्ट्रीय स्तर के शैक्षिक संस्थाओं से अनुबंध द्वारा अनुभव और योग्यता आधारित आदान प्रदान, नवीन पाठ्यक्रमों के प्रभावी संचालन में सम सामयिक चुनौतियों को सामना करने का संकल्प व उच्च शिक्षा के सभी आयामों यथा शिक्षा, अनुसंधान, प्रशिक्षण, प्रसार और संसाधन सृजन का संकल्प लिया। 

    उन्होंने कहा कि कुलपति के दायित्व को निवर्हन करते हुए उन्होंने दो वर्ष पूरे कर लिये हैं। तीसरे वर्ष के लिए उन्होंने कुछ लक्ष्य तय किये हैं, जिन्हें संकल्प के साथ पूरा करेंगे। इन सभी 11 संकल्पों को प्रभावी ढंग से लागू करके ग्रामोदय विश्वविद्यालय को प्रदेश का पहला और एक मात्र विश्वविद्यालय के रूप में जन मान्यता दिलाना लक्ष्य है।