खण्डेहा(चित्रकूट)बदहाली पर आंसू बहा रहा खण्डेहा का प्राचीन कूप।
खण्डेहा, चित्रकूट: मऊ तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत खण्डेहा गांव के अन्दर दक्षिण मुहल्ले में रजवाडों के जमाने से स्थित प्राचीन काल का ऐतिहासिक कुआं इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। क्षेत्रवासियों ने ऐतिहासिक कुएं के संरक्षण की मांग की है।
खण्डेहा गांव के समाजसेवी रामबहोरी केशरवानी, राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला नेता, राजेन्द्र प्रसाद बलुआ, वेद प्रकाश शुक्ला, संजय केशरवानी, रोहित तिवारी, सोनू करवरिया, कविता मिश्रा, किरन देवी केशरवानी आदि ने उच्चाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि रजवाडों के समय के ऐतिहासिक कुएं की उनके पूर्वजों के समय से पूजा होती थी। पूर्वजों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार दशकों पूर्व यहां जंगल था। एक चरवाहे की बकरी कुएं में गिरने पर ढूंढने के दौरान यह कुआं मिला था। जिसमें लोगों ने सफाई कराई और इसके बाद यहां बस्ती बनती चली गयी। पुराने लोगों के अनुसार इस कुएं का पानी बेहद मीठा था, किन्तु वर्तमान समय में उपेक्षा के चलते कुएं के पनघट टूटकर गिर चुके हैं और चारो तरफ गंदगी का अम्बार नजर आ रहा है। जिससे कुएं का अस्तित्व समाप्त होता नजर आ रहा है। क्षेत्रवासियों ने कुएं की संरक्षण की मांग की है।