ग्रामोदय विवि में भूजल प्रबंधन एवं विकास विषयक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ।

ग्रामोदय विवि में भूजल प्रबंधन एवं विकास विषयक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ।

- प्रशिक्षक वैज्ञानिकों ने ग्रामोदय परिसर में पौध रोपण किया

चित्रकूट: केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड उत्तर क्षेत्र भोपाल के तत्वावधान में मंगलवार को महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा की अध्यक्षता में भूजल प्रबंधन एवं विकास विषयक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम में दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन, केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक डॉ एके विश्वाल रहें। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

    दीन दयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि भारतीय संस्कृति प्रकृति दोहन की रही है न कि शोषण की। अत्यधिक लाभ और स्वार्थ सिद्ध करने की दृष्टि से लोगों ने प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट करने का प्रयास किया और अभी भी कर रहे हैं। इस पर विराम लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि नाना जी प्रकृति संरक्षण, ग्रामीण विकास एवं भूजल के हिमायती थे। नित नवीन प्रयोगों और नवाचार की दृष्टि से संस्थापक कुलाधिपति नाना जी देशमुख ने विज्ञान और पर्यावरण संकाय का पृथक से सृजन सुझाया था। ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने कहा कि मानव जीवन में जल का विशेष महत्व है। भूजल के संरक्षण के लिए प्रकृति प्रदत्त पेड, पौधों, नदियों, झरनो आदि को संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने जल संचय के लिए बुंदेलखंड के जखनी गांव में किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि मनुष्य को जीने के लिए ऑक्सीजन, पानी, भोजन आदि की जरूरत होती है। प्रत्येक व्यक्ति को पूरी ईमानदारी और सक्रियता के साथ स्वच्छ जल और स्वच्छ वायु के संरक्षण की दिशा में प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन के अभाव में होने वाली ह्रदय विदारक घटनाओं का चित्रण करते हुए कहा कि जीवन जीने के लिए हमें ऑक्सीजन बाजार से खरीदना पडा है। आवश्यकता है कि अब हम प्रकृति के संसाधनों के संरक्षण के लिए अपने अतीत से सीख लें। केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड भोपाल ग्रामोदय विश्वविद्यालय परिसर में भूजल प्रबंधन एवं विकास का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर प्रशंसनीय कार्य किया है।

   केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक डॉ एके विश्वाल ने भूमि जल बोर्ड के कार्यों और गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए वीडियो क्लिप प्रदर्शित किया। भूमि जल बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ कमलेश ओझा और डॉ सौम्या चैधरी ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। आभार प्रदर्शन प्रो आई पी त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ सौम्या चैधरी ने किया।

  इस मौके पर वैज्ञानिक डॉ चितरंजन विश्वाल, प्रशिक्षण संयोजक और अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो शशि कांत त्रिपाठी आदि मौजूद रहें।