चकबन्दी प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए प्रशासन सक्रिय, समस्याओं का होगा त्वरित निस्तारण।
चित्रकूट। किसानों की समस्याओं को सुनकर उन्हें जल्द से जल्द समाधान दिलाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने चकबन्दी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए एक और कदम बढ़ाया है। बुधवार को अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) और उप संचालक चकबन्दी राजेश प्रसाद ने राजापुर तहसील के मोहरवां और बछरन गांवों में ग्राम चैपाल का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं और उनके त्वरित निस्तारण का आश्वासन दिया।
चकबन्दी कार्यों में गड़बड़ी पर होगी कड़ी कार्रवाई
चैपाल में कई किसानों ने चकबन्दी अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम पर पैसे की मांग और अच्छी जमीन दिलाने का लालच देने की शिकायत की। इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए अपर जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और संलिप्त कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि अगर किसी भी कर्मचारी या बिचौलिये द्वारा पैसे की मांग की जाती है, तो इसकी तुरंत सूचना दी जाए।
किसानों की विश्वसनीयता बनाए रखना उद्देश्य
राजेश प्रसाद ने बताया कि चकबन्दी आयुक्त भानुचन्द्र गोस्वामी और जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन के निर्देश पर लगातार ग्राम चैपालों का आयोजन किया जा रहा है। इन चैपालों का उद्देश्य चकबन्दी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और किसानों के हितों की रक्षा करना है। छोटे किसानों को उनकी जमीन की वास्तविक कीमत के अनुसार उनका हक दिलाया जाएगा, ताकि शासन के प्रति उनकी विश्वसनीयता बनी रहे।
प्रशासन की तत्परता से किसानों में जागरूकता
चकबन्दी अधिकारी धीरेन्द्र कुमार शुक्ला, शैलेन्द्र द्विवेदी, सहायक चकबन्दी अधिकारी सुभाष चन्द्र और लईक अहमद जैसे अधिकारियों की उपस्थिति ने चैपाल को और भी प्रभावी बनाया। प्रशासन द्वारा की गई इस पहल से ग्रामीण किसानों में एक नई जागरूकता आई है और उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद बंधी है।
समस्या निवारण के लिए एक मजबूत कदम
प्रशासन के इस प्रयास से चकबन्दी प्रक्रिया में गड़बड़ी रोकने और किसानों को न्याय दिलाने की दिशा में यह एक सशक्त कदम माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन की इस पहल से किसानों की समस्याओं का समाधान किस हद तक हो पाता है।