ग्रेजुएशन कर रहे प्रतिभावान् युवा को तमाम नियमों को दरकिनार कर विदेशी विश्वविद्यालय ने दी पीएचडी की मानद उपाधि
संवाददाता नीतीश कौशिक
बागपत | युवा अमन कुमार ने यह कहावत चरितार्थ करते हुए अपनी मेहनत और लगन से उन युवाओं को प्रेरित किया है, जो संसाधनों के अभाव का रोना रोते हुए कुछ नहींं कर पाते |
20 वर्षीय अमन कुमार ने ट्योढी जैसे अविकसित गाँव में शिक्षा से लेकर तमाम तरह के संसाधनों के अभाव के बावजूद नेहरू युवा केंद्र बागपत के जिला युवा अधिकारी अरुण तिवारी के सानिध्य, प्रेरणा और मार्गदर्शन में संगठन से जुडकर इंदिरा गाँधी ओपन विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन करते हुए तथा जिलाधिकारी राजकमल यादव के प्रोत्साहन का परिणाम है कि, तकनीकी के क्षेत्र में खूब नाम कमाया, पुरस्कार, सम्मान और रुपया पैसा भी कमाया और कमाया अपने सद्व्यवहार, लगन और कुछ नया करने की चाह में बुद्धिजीवी वर्ग के बीच बैठकर युवाओं को सन्मार्ग पर लाने का सौभाग्य |
अमन कुमार की यह विशेषता है कि, सभी तरह के सम्मान और पुरस्कार पाकर विनम्रता के साथ ही लगन और कुछ विशेष करने की धुन सवार होती रही | उनके संगठन उडान युवा केंद्र से संबद्ध युवाओं द्वारा भी उनके मार्गनिर्देशन में पूरे अनुशासन और समर्पण भाव से सहयोग किया, जिसका परिणाम है कि, अमन कुमार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नाम कमाया तथा आस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ने बिना पोस्ट ग्रेजुएशन किये यानि ग्रेजुएशन कर रहे प्रतिभावान् युवा को डाक्टरेट की उपाधि देकर उनके नेक इरादों को दुनिया भर को जानने का अवसर प्रदान किया है |