मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूर्ण करती है श्रीमद्भागवत कथाः अरविन्द दृष्टा

मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूर्ण करती है श्रीमद्भागवत कथाः अरविन्द दृष्टा
श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन राजा परीक्षित को श्राप देने का वर्णन

गढीपुख्ता। कस्बे के अग्रवाल धर्मशाला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन राजा परीक्षित को समीक ऋषि द्वारा दिए गए श्राप का वर्णन किया गया। कथा वाचक ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूर्ण करती है। जानकारी के अनुसार कस्बे की अग्रवाल धर्मशाला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक अरविन्द दृष्टा महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूर्ण करती है। यह कल्पवृक्ष के समान है, भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने कथा को आगे बढाते हुए राजा परीक्षित संवाद, शुकदेव जन्म, कपिल संवाद का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार राजा परीक्षित वनों में काफी दूर चले गए, उनको प्यास लगी तो वे समीक ऋषि के आश्रम पहुंचे, उस समय ऋषि समाधि में थे, राजा ने उन्हें पानी पिलाने का अनुरोध किया लेकिन ऋषि समाधि में होने के चलते पानी नहीं पिला सके। जिस पर राजा ने इसे अपना अपमान समझा तथा एक मरा हुआ सांप समीक ऋषि के गले में डाल दिया, जब इसकी जानकारी ऋषि के पुत्र को लगी तो उन्होंने राजा परीक्षित को श्राप दिया कि आज से सात दिन बाद तक्षक नामक सांप उसे जलाकर भस्म कर देगा। जब समीक ऋषि को श्राप की जानकारी हुई तो उन्हें पता चला कि उक्त अपराध परीक्षित ने कलियुग के वशीभूत होकर किया है, ऋषि ने राजा परीक्षित को इसकी जानकारी दी जिसके बाद राजा परीक्षित अपना राज्य पुत्र जन्मेजय को सौंपकर गंगा नदी पर पहुंच गए तथा तपस्या शुरू कर दी। इस मौके पर घनश्यामदास, चेयरमैन प्रतिनिधि अंकुज चौधरी, पूर्व चेयरमैन विजय गिरी, अनिल गोयल, श्याम सुंदर संगल, राजेन्द्र शर्मा, सुनील गोयल, सचिन गर्ग, अशोक गर्ग, नरेश गोयल, प्रदीप शर्मा, पप्पू चौधरी, श्रवण गोयल, पुष्पेन्द्र गर्ग, टेकचंद मित्तल सहित बडी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।