छात्रा ने खुदकुशी से 4 घंटे पहले मां से फोन पर कहीं ये बातें
बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस बैच 2020 की छात्रा ने छात्रावास के रूम नंबर 18 में दुपट्टे से पंखे में फंदा लगा लिया। फंदा लगाने से पहले उसने अपने हाथ की नस काटने का प्रयास किया था। सहपाठी छात्राओं ने कमरे की खिड़की से उसे लटका देखा तो प्रधानाचार्य समेत वार्डेन को जानकारी दी।
छात्राओं और अन्य प्राध्यापकों ने दरवाजा तोड़कर छात्रा को फंदे से उतारकर इमरजेंसी में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान छात्रा ने दम तोड़ दिया। घटनास्थल का अपर एसपी, सीओ और कोतवाल ने जांच की। छात्रा का मोबाइल कब्जे में लिया गया है। उधर देर शाम एडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दी गई है।
न ही प्रैक्टिकल और न ही थ्योरी की क्लास में गई थी ऊषा
एबीबीएस की सिक्स सेमेस्टर की छात्रा रात से ही परेशान थी। उसके मन में कुछ तो चल रहा था, जिससे वह बेचैन थी। सहेलियों से उसने जल्दी सोने की बात कही थी। दूसरे दिन उठी तो उसने न ही प्रैक्टिकल क्लास और न ही थ्योरी की क्लास को अटेंड किया। जब क्लास पूरी होने के बाद सहपाठी लौटे तो खिड़की से उसे लटका देख भौंचक्के रह गए। शोर मचा और फिर कालेज प्रशासन को इसकी जानकारी हो सकी। इस घटना के बाद उसके साथी सहपाठी कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं। हालांकि इस मामले में कालेज स्तर से भी जांच शुरू हो गई है।
प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार कौशल बताते हैं कि ऊषा धार्मिक थी और मंगलवार को उसने पूजा पाठ भी की थी। 15 अगस्त का माहौल था, अपने साथी सहपाठियों के साथ उसने इस दिन को बिताया था। उसके स्वभाव में भी कोई बदलाव नहीं देखा गया। वह सामान्य ढंग से ही उनसे बात कर रही थी। उसके बाद रात में रुटीन की तरह ही वह पढ़ने भी चली गई थी। सामान्य तौर पर रात 12 बजे तक बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन उस रात वह सहपाठियों से जल्द सोने की बात कही थी।