इतिहास को जानें,साहिबजादों का बलिदान तुष्टीकरण की राजनीति में छुपाया गया-केशव प्रसाद मौर्य
कानपुर। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को कानपुर के जवाहर नगर स्थित ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज में वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदान को देश के लिए गर्व का विषय बताया और कहा कि इसे तुष्टीकरण की राजनीति के चलते लंबे समय तक छिपाने की कोशिश की गई।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि चारों साहिबजादों का बलिदान इतना महान है कि इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह देश की विरासत का हिस्सा है, और अब इस सच्चाई को उजागर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाना इस देश के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस। यह हमारे बच्चों और समाज को अपने इतिहास को जानने और समझने का अवसर देता है।"
इतिहास छुपाने का आरोप
उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि तुष्टीकरण की राजनीति के चलते मुगलों के अत्याचारों को इतिहास में स्थान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के अत्याचारों का उल्लेख तो किया गया, लेकिन मुगलकालीन बर्बरता को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि अब सरकार सच को सामने लाने का प्रयास कर रही है।
वीर बाल दिवस को बड़ा बनाने का आह्वान
उन्होंने वीर बाल दिवस को और व्यापक रूप से मनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमारे गुरु गोविंद सिंह के साहसी बेटों के बलिदान को श्रद्धांजलि है। प्रदेश के सभी जिलों में इसके लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।इस अवसर पर सांसद रमेश अवस्थी, कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष प्रकाश पाल, विधायक सुरेंद्र मैथानी, नीलिमा कटियार, अंगद सिंह, और गुरविंदर सिंह छाबड़ा सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने की थी पहल
गौरतलब है कि हर साल 26 दिसंबर को वीर ऐबाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की शहादत को सम्मानित करने के उद्देश्य से की थी।
इस कार्यक्रम ने लोगों को अपने गौरवशाली इतिहास को जानने और बच्चों को इसकी शिक्षा देने के महत्व को रेखांकित किया।