यज्ञ, भजन व प्रवचनों के साथ वेद प्रचार सप्ताह का समापन
जनकारी के अनुसार शहर के धीमानपुरा स्थित आर्य समाज मन्दिर मे चल रहे वेद प्रचार सप्ताह का सातवें दिन यज्ञ, भजन प्रवचनों के साथ समापन हो गया। समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक तेजेंद्र निर्वाल रहे। वैदिक यज्ञ आर्य समाज के पुरोहित रविदत्त आर्य ने संपन कराया। मुख्य यजमान सचिन धीमान आर्य, अपार गौरव,अनुज आर्य व कोमल आर्य, अशोक आर्य व वर्षा आर्या, प्रमोद पांचाल व सविता आर्य रहे। अमृतसर से भजन सम्राट पंडित दिनेश पथिक ने अपने भजनों से सभी का मार्गदर्शन किया। आगरा से पधारे आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री ने कहा कि आर्य समाज ने अपनी स्थापना से ही सामाजिक कुरीतियों के विरूद्ध आन्दोलन का शंखनाद किया। जिनमें जातिवादी जड़मूलक समाज को तोड़ना, महिलाओं के लिए समानाधिकार, बालविवाह का उन्मूलन, विधवा विवाह का समर्थन, निम्न जातियों को सामाजिक अधिकार प्राप्त होना आदि शमिल है। आर्य समाज का देश की आज़ादी में बहुमूल्य योगदान है। इसका पाखंडवाद और अंध विश्वास के खिलाफ संघर्ष अपने आप में एक अविचलित वैचारिक क्रांति है। आर्य समाज का खास तौर पर डीएवी संस्थाओं के जरिए देश में शिक्षा के फैलाव में अति महत्वपूर्ण योगदान है। देश की स्वतंत्रता में आर्य समाजियों की भूमिका अग्रणी रही है। स्वतंत्रता आंदोलन में आर्य वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी। राष्ट्र के संगठन के लिए जात-पात के झंझटों को मिटाकर एक धर्म एक भाषा और एक समान वेशभूषा तथा खानपान का प्रचार किया। इस अवसर पर संरक्षक रघुवीर सिंह आर्य, प्रधान सुभाष गोयल आर्य, मंत्री सुभाष धीमान, कोषाध्यक्ष गिरधारी लाल आर्य, यज्ञ प्रभारी राजपाल सिंह आर्य, रामकुमार गुप्ता,
अंकित गोयल, यसपाल आर्य, यशपाल पंवार, अरविंद भार्गव, वेदप्रकाश आर्य, विनोद आर्य, राजीव धीमान, विवेक विवेक प्रेमी, सचिन आर्य, अशोक आर्य, नरेन्द्र अग्रवाल, सुदेश पल आर्य, सूर्य प्रताप आर्य, कमला आर्य, रमेश बजाज, सन्तोष आर्य, मीरा वर्मा, नीलम आर्य, कौश्यल्या आर्य, पूनम आर्य, मंजू आर्य, श्वेता आर्य, वर्षा आर्य, आदि उपस्थित रहे।