विधायक के गढ़ में चला हाथी अपनी चाल
गंठबंधन प्रत्याशी की हुई हार
विधायक के गढ़ में चला हाथी अपनी चाल
कहते हैं अंहकार किसी का नहीं रहा तो उनका नहीं जिन्होंने सब कुछ जिसके लिए न्योछावर कर दिया तो कोई उसका भी नही होता । बसपा प्रत्याशी ने जनता के दिलों में घर बना लिया था, जिसका नतीजा यह रहा की जनता ने बसपा प्रत्याशी को वोट देकर विजय बनाया। बसपा प्रत्याशी ने जलालाबाद पहुंचकर जनता को हाथ जोड़ कर दिल से शुक्रिया किया । और कहा कि जो विश्वास आपने मुझ पर जताया है वह विश्वास मैं पूरा करूंगा मुझे सर्व समाज ने वोट दिया है और मैं इनका आभारी रहूंगा।
नगर निकाय चुनाव में बसपा प्रत्याशी जहीर मलिक ने गठबंधन प्रत्याशी को हरा दिया है
पूरा दिन गठबंधन प्रत्याशी अब्दुल गफ्फार तन्हा नजर आए । उनके साथ ना तो गठबंधन के विधायक नजर आए और ना ही पूर्व सांसद और ना कोई अन्य वरिष्ठ नेता ही दिखे इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गठबंधन नेताओं ने पहले ही हार मान ली थी या फिर कोई और वजह रही।
वही जीत के बाद कस्बे में अब चर्चा चल रही है कि गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में बड़े-बड़े नेता जनसभा करने तो आए लेकिन जनता की समस्या के लिए कभी दिखाई नहीं दिए यही कारण रहा कि गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में रालोद विधायक अशरफ अली खान को डोर टू डोर प्रचार कर गठबंधन के पक्ष में वोट मांगने की अपील करनी पड़ी। लेकिन जलालाबाद की जनता ने रालोद विधायक अशरफ अली खान की इस अपील को भी ठुकरा दिया बसपा प्रत्याशी को भारी बहुमत से जीता कर चेयरमैन बनाया।
वहीं रालोद विधायक को अपने ही गढ में गठबंधन प्रत्याशी की हार अब चर्चा का विषय बनी हुई है। क्योंकि खुद रालोद विधायक ने गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में जनता के बीच घर घर जाकर वोट करने की अपील की थी लेकिन उनके गढ़ में ही गठबंधन प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा।