विचारों से व्यक्तित्व का बोध होता है, युवाओं को सुविचारों की जरूरत :आचार्य विशुद्ध सागर
सौधर्म इंद्र राजकुमार जैन व ब्रह्मोत्तर इंद्र संदीप जैन को तिलक व सम्मान
संवाददाता आशीष चंद्रमौली
बडौत।दिगम्बर जैनाचार्य विशुद्धसागर ने कहा कि ,सज्जन पुरुष भूलकर भी अनैतिक कार्य नहीं करते तथा अन्य किसी के साथ दुर्व्यवहार भी नहीं करते हैं। सज्जन विपत्ति के आने पर भी मर्यादा नहीं तोड़ते हैं। परहित के लिए सज्जन हमेशा प्रयास करते हैं।सज्जनों से शत्रु भी प्रभावित हो जाता है। सज्जनों की चर्चा और चर्या दोनों ही धर्मानुकूल होते हैं।
ऋषभ सभागार में आयोजित धर्म सभा में उन्होंने कहा कि,विचारों के अनुसार ही व्यक्ति का जीवन होता है। वर्तमान के विचार ही भविष्य में कार्यरूप परिणत होते हैं। विचार ही जीवन के दिशा-बोधक होते हैं। विचारों के अनुसार ही व्यक्ति का आचरण होता है। विचारों से ही व्यक्ति की पहचान होती है। विचारों से व्यक्ति के व्यक्तित्व का बोध होता है।सु-विचार उठाते हैं,जबकि कु-विचार गिराते हैं। अच्छे विचारों से व्यक्ति देश- देशान्तर में प्रसिद्धि प्राप्त करता है। कहा कि,साहित्य और विचार समाज के दर्पण होते हैं। एक श्रेष्ठ विचार भी जीवन को परिवर्तित कर देता है, जबकि विपरीत एक विचार भी सही-राह से भटका देता है, इसलिए व्यक्ति को विपरीत विचारों से प्रयत्न पूर्वक अपनी रक्षा करना चाहिए।आज युवाओं को सु-विचार की आवश्यकता है अच्छे विचार, प्रेरक विचार ही श्रेष्ठ समाज का निर्माण करते हैं।कार्य करने के पूर्व विचार करो । सभा का संचालन पं श्रेयांस जैन ने किया।
सभा के मध्य पंचकल्याणक महोत्सव के पात्रों ने आचार्य श्री को श्रीफल समर्पित किया।सौधर्म इंद्र राजकुमार जैन को आज बड़ौत दिगंबर जैन समाज समिति के अध्यक्ष प्रवीण जैन और मुख्य संयोजक अतुल जैन सर्राफ द्वारा विहर्ष सभागार में तिलक किया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने मंगल बधाई गीत गाये। शाम को दिगंबर जैन छोटा मन्दिर में ब्रह्मोत्तर इंद्र संदीप जैन का तिलक और मंगलगीत का कार्यक्रम संपन्न हुआ। मीडिया प्रभारी वरदान जैन ने बताया कि ,16 सितंबर को दोपहर 1 बजे से आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ का पीछी परिवर्तन समारोह धूमधाम से मनाया जायेगा।