भाकियू तोमर के पदाधिकारीयों को किया नजरबंद

भाकियू तोमर के पदाधिकारीयों को किया नजरबंद

बहसूमा। बहसूमा क्षेत्र में पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर धरना- प्रदर्शन में दिल्ली पहुंचने की घोषणा करने पर यूनियन के किसान नेताओं को पुलिस ने घरों में नजरबंद कर दिया है ताकि वह समर्थकों के साथ दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन में शामिल न हो सके। शुक्रवार सुबह मौडखुर्द व सदरपुर गांव में भारतीय किसान यूनियन तोमर के पदाधिकारियों के मकानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है।बता दें कि गांव मौडखुर्द के रहने वाले भारतीय किसान यूनियन तोमर के जिला प्रभारी प्रधान इंतजार देशवाल व भारतीय किसान यूनियन तोमर के जिलाध्यक्ष सनी चौधरी समर्थकों के साथ दिल्ली जा रहे हैं। पुलिस को इसकी भनक लगी कि गाजीपुर बॉर्डर पर होने वाले प्रदर्शन में शामिल होंगे। चौकी इंचार्ज रामराज शीशपाल सिंह ने दोनों के घरों पर निगरानी शुरू कर दी। दोनों के घर पर पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस ने मित्रवत व्यवहार की तरह घरों पर सतर्कता बरती। चौकी इंचार्ज शीशपाल सिंह  ने बताया कि शांति भंग नहीं होने के कारण दिल्ली किसान आंदोलन में जाने से किसान नेताओं को रोका गया है। भाकियू तोमर के  जिला प्रभारी प्रधान इंतजार देशवाल ने बताया कि किसानों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा सरकार को चाहिए कि वह किसानों की बात सुने और उनकी मांगों को पूरा करने का काम करें। यदि किसानों का उत्पीड़न हुआ तो संगठन किसानों के साथ खड़ा रहेगा। वही जिलाध्यक्ष सनी चौधरी ने कहा कि किसानों को उनका हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की आवाज को दबाया जा रहा है।सरकार किसानों का शोषण कर रही है और किसी प्रकार का कोई सहयोग नहीं कर रहीं हैं। सरकार किसानों से किए गए वादों पर खरी नहीं उतरी है। उन्होंने बताया कि किसान जो मांग कर रहे हैं कर्ज माफी, एमएसपी गारंटी कानून, स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो। 2021 में जो कमेटी बनी थी इन्हीं मांगों को लेकर फिर आंदोलन कर रहा है सरकार किसानों से वार्ता कर समस्याओं का समाधान करें।साथ ही यह चेतावनी भी दी गई कि हमसे भी दिल्ली दूर नहीं है।अगर किसानों को नुकसान पहुंचाया गया तो पश्चिम यूपी के किसान भी दिल्ली को घेरने से पीछे हटने वाले नहीं हैं।हर हाल में किसानों को न्याय मिलना चाहिए।