महिला पत्रकार से सैनिक अस्पताल के दबंग संचालक उनके गुर्गों ने सच लिखने व कवरेज के दौरान मार पीटकर कर की बदसलूकी।
रायबरेली।जिले में इन दिनों निष्पक्ष खबरें लिखना पत्रकारों को इस कदर भारी पड़ रहा है कि भ्रष्टाचारी पत्रकारों पर जानलेवा हमला करने में जरा भी प्रशासन और पत्रकार के प्रति नहीं डरते हैं विदित हो कि जिले में महिला सशक्तिकरण के नाम की एक अभियान चलाया जा रहा है जिसमें रायबरेली पुलिस द्वारा लगातार महिला सशक्तिकरण के आए दिन दावे जरूर किए जाते हैं किंतु यह दवा वहां पर फेल हो जाता है जहां कोई आम आदमी नहीं बल्कि एक महिला पत्रकार को भ्रष्ट हॉस्पिटल संचालक के कारनामों को कवरेज करना इस कदर भारी पड़ जाता है रायबरेली जनपद में सैनिक हॉस्पिटल नाम से एक अस्पताल संचालित किया जा रहा है जिसका ना तो कोई रजिस्ट्रेशन है और ना ही वैध डॉक्यूमेंट उसके बाद भी सैनिक अस्पताल को संचालित किया जा रहा है जिसके जानकारी होने पर महिला पत्रकार आराधना मौके पर कवरेज करने गई तो हॉस्पिटल संचालक अपने गुर्गों के साथ मिलकर महिला पत्रकार को पकड़कर मारपीट अभद्रता करने लगे जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था यहां तक कि महिला पत्रकार की इज्जत पर भी हाथ डालने की कोशिश की गई महिला पत्रकार किसी तरीके से अपनी जान बचा कर रोड पर पहुंचकर भ्रष्ट व दबंग हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तथा लिखित शिकायत पत्र भी दिया महिला पत्रकार पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपियों को आखिर पुलिस के संरक्षण दे रही है यह गंभीर विषय हैl उच्चाधिकारियों को मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिएl मामला महिला पत्रकार से जुड़ा हुआ है एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशानुसार महिलाओं पर हुए हमले के 24 घंटे में ही आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश हैं उसके बावजूद भी अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई इससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों की व उनकी छवि को प्रशासन धूमिल करने का काम कर रहा हैl
आपको बताते चलें की पत्रकार आराधना द्वारा पुलिस प्रशासन को अवगत भी कराया गया उसके बावजूद उस महिला पत्रकार पर रंगदारी मांगने का झूठा मुकदमा आरोपियों द्वारा दर्ज करवा दिया गया जिसमें शहर कोतवाल राघवन कुमार सिंह का हाथ बताया जाता हैl दबंग हॉस्पिटल संचालक पूर्व सैनिक इसलिए वह अधिकारियों से मिलकर महिला पत्रकार का उत्पीड़न करवा रहा है महिला पत्रकार द्वारा जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर आरोपियों की गिरफ्तारी कराए जाने की बात कही है अगर हॉस्पिटल संचालकों की गिरफ्तारी नहीं होगी तो महिला पत्रकार एवं पत्रकारों के संगठनों द्वारा पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आमरण अनशन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी