श्री कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को बन रहा है इस बार अलौकिक योग
द्वापर युग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में बुधवार मध्यरात्रि के समय अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य हुआ था। प्रतिवर्ष हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महोत्सव दो दिन ही मनाया जाता रहा है जो इस बार 6 और 7 सितम्बर को होगा। 6 सितंबर बुधवार के दिन दोपहर 3 बजकर 37 मिनट पर अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। 7 सितंबर को दोपहर 4 बजकर 14 तक रहेगी तथा 6 सितंबर को
रोहिणी नक्षत्र सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो जाएगा। 7 सितंबर को सुबह 10:24 तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा । इस बार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बन ही रहा है जो हर वर्ष नहीं बनता । श्री कृष्ण के प्राकट्य के समय बुधवार का दिन था और इस बार 6 सितंबर को बुधवार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र तीनों का बिल्कुल वैसा ही संयोग बन रहा है जैसा भगवान के प्राकट्य के समय बना था