100 करोड़ कैश मिलने का अनुमान जूता कारोबारियों कि दौलत नहीं गिन पा रही मशीनें, तीसरे दिन भी जारी

100 करोड़ कैश मिलने का अनुमान  जूता कारोबारियों कि   दौलत नहीं गिन पा रही मशीनें, तीसरे दिन भी जारी

आगरा आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा की शहर के तीन जूता कारोबारियों के एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर रविवार को भी जांच जारी रही। हरमिलाप ट्रेडर्स के रामनाथ डंग के जयपुर हाउस स्थित आवास पर छापे के 36 घंटे बाद (रात 11 बजे तक) नोटों की गिनती पूरी नहीं हो सकी थी। उनके यहां शनिवार को 60 करोड़ रुपये नकद मिलने की जानकारी सामने आई थी।

 

नोट गिनने को बैंक स्टाफ के साथ ही नोट गिनने वाली मशीनें लगाई गई थीं। अनुमान जताया जा रहा है कि तीनों जूता कारोबारियों के यहां नकद बरामदगी 100 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। 

 

आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा ने शनिवार सुबह 11 बजे शहर के तीन जूता कारोबारियों के एक दर्ज से अधिक ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई शुरू की थी। इनमें शू मैटेरियल की ट्रेडिंग करने वाला हींग की मंडी स्थित हरमिलाप ट्रेडर्स, एमजी रोड पर सुभाष पार्क के नजदीक स्थित बीके शूज और धाकरान चौराहा स्थित मंशु फुटवियर शामिल हैं।

60 करोड़ रुपये के नोट मिलने की जानकारी

हरनाथ ट्रेडर्स के रामनाथ डंग के जयपुर हाउस स्थित आवास पर शनिवार को बेड, बैग और अलमारियों में रखे 60 करोड़ रुपये के नोट मिलने की जानकारी सामने आई थी, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की थी। इंटरनेट मीडिया में बेड पर रखी 500 रुपये के नोटों की गड्डियों का फोटो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हुआ था।

शू मैटेरियल की ट्रेडिंग के साथ उनका पर्ची का बड़ा काम है। इतनी अधिक नकद धनराशि बरामद होने की उम्मीद आयकर विभाग के अधिकारियों को भी नहीं थी। न्यू गोविंद नगर स्थित उनके दूसरी कोठी में जूतों के डब्बों में रखे नोट मिलने की जानकारी सामने आ रही है। जिले में आयकर विभाग की किसी कार्रवाई में पहली बार इतना कैश मिला है।

10 से अधिक मशीनें नोट गिनने में लगीं

आयकर विभाग ने नोटों को गिनने के लिए भारतीय स्टेट बैंक के कर्मचारियों के साथ ही नोट गिनने की 10 से अधिक मशीनें मंगाई थीं। टीम रविवार को पूरी रात नोट गिनती रही। सुबह के समय नोट गिनने की मशीन गरम होने पर कुछ देर को नोट गिनने का काम रोका गया। बाद में दोबारा नोट गिनने का काम शुरू हुआ। रात 11 बजे तक नोट गिनने का काम चल रहा था। इसके देर रात तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

 

बीके शूज के अशोक मिड्डा व सुभाष मिड्डा और मंशु फुटवियर के हरदीप मिड्डा के यहां भी आयकर विभाग की टीमें रविवार को जांच में जुटी रहीं। उनके यहां से कारोबार से जुड़े रिकार्ड, निवेश से संबंधित दस्तावेज टीम खंगालने में जुटी है। कारोबारियों के प्रतिष्ठान, घर व फैक्ट्री में किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।

डेटा जुटा रही टीम

आयकर विभाग ने कई दिनों तक निगरानी करने के बाद जूता कारोबारियों के यहां कार्रवाई की है। शनिवार का दिन इसलिए चुना गया कि इस दिन कारोबारी फर्मों द्वारा छोटे कारोबारियों को भुगतान किया जाता है। घरेलू जूता बाजार में अधिकांश लेन-देन नकद में होता है, इसलिए अधिक नकद धनराशि कारोबारियों के पास होती है। विभाग ने कारोबारियों के यहां दस्तावेज जुटाने के साथ ही मोबाइल, कंप्यूटर व लैपटाप से डेटा जुटाया है। विभाग की कार्रवाई अभी एक दिन और चल सकती है।

100 अधिकारी शामिल

आयकर विभाग के आगरा, लखनऊ, कानपुर और नोएडा के 100 से अधिक अधिकारी व आयकर निरीक्षक कार्रवाई मे शामिल हैं। बैंक स्टाफ की नोट गिनने को शिफ्ट वाइज ड्यूटी लगाई जा रही हैं।

शिफ्ट में लगाई ड्यूटी

रामनाथ डंग के जयपुर हाउस स्थित आवास पर बरामद नकद धनराशि की गिनती को भारतीय स्टेट बैंक के कर्मचारियों को आयकर विभाग ने शनिवार रात बुलाया था। नकद धनराशि गिनने को उनकी शिफ्ट वाइज ड्यूटी लगाई गई हैं। शाम को उनके आवास से बैंक कर्मी बाहर आए तो मीडियाकर्मियों ने उनसे जानकारी करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया।

साड़ी लेकर पहुंचा कोरियर वाला

रामनाथ डंग के आवास पर रविवार दोपहर कोरियर कंपनी वाला साड़ी लेकर पहुंचा था। उसने फोन पर संपर्क का भी प्रयास किया, लेकिन प्रयास व्यर्थ गया। आवास में पुलिसकर्मियों ने उसे प्रवेश से रोक दिया। कहा कि सभी के फोन बंद हैं। तुम लौट जाओ। उसने मीडियाकर्मियों को आठ हजार रुपये कीमत की साड़ी मंगाए जाने की जानकारी दी। इस बीच घर से एक नौकरानी केले के छिलके बाहर फेंकने आई। उसने बताया कि वह अधिक कुछ नहीं जानती है। अंदर बहुत सारे लोग हैं।

पर्चियों में उलझा आयकर विभाग

जूता कारोबारियों के यहां आयकर विभाग के सर्च करने के पीछे अवैध रूप से चलने वाले पर्ची कारोबार को बताया जा रहा है। आगरा की घरेलू जूता बाजार में 65 प्रतिशत की भागीदारी है। यह कारोबार उधार पर अधिक निर्भर करता है। ट्रेडर्स और बड़े कारोबारी छोटे कारोबारियों को तुरंत भुगतान के बजाय पर्ची बनाकर दे देते हैं। इस पर तारीख और अवधि लिखी होती है।

नियत तिथि पर पर्ची देने वाले कारोबारी से छोटे कारोबारी भुगतान प्राप्त कर लेते हैं। कई छोटे कारोबारी इस पर्ची को भुना लेते हैं। पर्ची भुनाने का काम करने वाले छोटे कारोबारियों को भुगतान से पूर्व अपनी ब्याज की धनराशि काट लेते हैं। बाद में पर्ची बनाकर देने वाले कारोबारी से वह अपना पैसा ले लेते हैं। यह पूरा काम नंबर दो में चलता है।

जूता कारोबार में रामनाथ काे पर्ची भुनाने वाला सबसे बड़ा कारोबारी माना जाता है। उनके यहां से बरामद पर्चियों के बारे में आयकर विभाग ने कारोबारी से पूछताछ की है। बीके शूज का भी पर्चियां भुनाने का काम है। आयकर विभाग तक पर्चियां पहुंचने के बाद उन कारोबारियों की चिंता बढ़ गई है, जिन्होंने पर्चियां जारी की हैं। आयकर विभाग इन पर्चियों के सहारे उन तक पहुंच सकता है।