बिजली विभाग ने मेरठ और बुलंदशहर के दो अधिकारियों को किया सस्पेंड, जानें क्यों हुई बड़ी कार्रवाई

लखनऊ। विद्युत बिलों को उपभोक्ताओं तक समय से पहुंचाने के साथ ही बिजली चोरी रोकने के लिए भी सरकार गंभीर है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने कम राजस्व वसूली, बिजली चोरी के चलते तकनीकी व वाणिज्यिक हानियों के लिए दोषी बुलंदशहर के अधीक्षण अभियंता (एसई) रविन्द्र बाबू और मेरठ के एसडीओ को निलंबित करने के निर्देश दिए।
गोयल ने खराब प्रदर्शन के लिए कई मुख्य अभियंताओं व अधीक्षण अभियंताओं को भी कड़ी फटकार लगाई। अध्यक्ष ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि विद्युत वितरण के अधीक्षण अभियंताओं के कामकाज में सुधार न हुआ तो सभी को फील्ड से हटा देंगे। उन्हें पावर कारपोरेशन व डिस्काम से संबद्ध कर दिया जाएगा।
विद्युत व्यवस्था की समीक्षा बैठक में गोयल ने कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बेहतर रहे। स्थानीय गड़बड़ी को कम से कम समय में ठीक किया जाये। यदि अधिक लोड बढ़ने से ट्रांसफार्मर खराब होगा तो संबंधित अवर अभियंता व लाइनमैन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। अधिकारियों से कहा कि एक वॉट्सएप ग्रुप बनाकर उस पर केवल ट्रांसफार्मर में सुधार व समस्या से जुड़ी सूचनाएं ही साझा की जाएं। बिजली आपूर्ति ठप होने पर संचार माध्यमों से उपभोक्ताओं को वस्तुस्थिति की जानकारी दी जाए। उपभोक्ताओं को एसएमएस के माध्यम से बिजली बिल की सही जानकारी भी दी जाए।
अध्यक्ष ने कहा कि जिन क्षेत्रों में सर्वाधिक लाइन हानि हो रही है, वहां बिजली चोरी की अधिक आशंका रहती है। अधिकारी अभियान चलाकर हर कनेक्शन की जांच कराएं और विद्युत चोरी पर अंकुश लगाएं। अध्यक्ष ने लापरवाह अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दिए जाने की चेतावनी भी दी।