नगरपालिका की गंदगी कांशीराम आवास काॅलोनी और गांव चिलासनी वासियों के लिए बनी मुसीबत।

नगरपालिका की गंदगी कांशीराम आवास काॅलोनी और गांव चिलासनी वासियों के लिए बनी मुसीबत।

कूड़े में भरकर मृत पशुओं को खुले में डाल रहे हैं सफाईकर्मी


एटा। नगरपालिका की गंदगी कांशीराम आवास काॅलोनी और गांव चिलासनी वासियों के लिए मुसीबत बन गई है, कूड़े के ढेर और मृत पशुओं को खुले में डालकर सफाईकर्मी रफूचक्कर हो जाते हैं लेकिन उससे निकलने वाली दुर्गंध से कांशीराम आवास काॅलोनी के लोगों के साथ ही गांव चिलासनी के निवासियों को भी खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति इतनी भयावह है कि बिना मुंह नाक को दबाए वहां से निकल नहीं सकते, शहरी क्षेत्र में मरने वाले पशु गाय-सांड, सूअर एवं अन्य पशुओं को कूड़े की गाड़ियों में भरकर वहां खुले में डालकर छोड़ दिया जाता है, कभी-कभी तो कूड़े की गाड़ी से मृत पशु बीच सड़क पर ही गिर जाते हैं लेकिन नगरपालिका के सफाईकर्मी उन्हें वहां से उठाने की बजाय वहीं पड़ा छोड़ देते हैं जिससे निकलने वाली दुर्गंध से कांशीराम आवास काॅलोनी के लोगों के साथ ही गांव चिलासनी वासियों को मार्ग से निकलते समय दिक्कत का सामना करना पड़ता है। बिना नंबर प्लेट की गाड़ी से डाला जा रहा कूड़ा-करकट एवं मृत पशुओं को
बिना नंबर प्लेट लगी‌ कबाड़ गाड़ी द्वारा कूड़े-कचरे के साथ इसी तरह पशुओं को भरकर गांव चिलासनी मार्ग पर डालकर चली जाती है, जिस स्थान पर नगरपालिका का कूड़ा गंदगी को डाला जा रहा है वहीं नजदीक कांशीराम आवास काॅलोनी और एक स्कूल भी संचालित है लेकिन इसके बावजूद वहां गंदगी का अंबार लगाना कितना उचित है इस ओर नगरपालिका और जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।