मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं प्रशासनिक अधिकारी--
--एक सप्ताह बीतने के बाद भी अधिकारी नष्ट हुई फसलो की जांच करने नहीं पहुंचे--
--किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जताया आक्रोश--
--गेहूं की फसल बर्बाद अन्नदाता चिंतित कैसे उतरेगा कर्ज-
फलावदा: बारिश के कहर से किसानों की नष्ट हुई फसलों की जांच कराने का आदेश मुख्यमंत्री ने एक सप्ताह पूर्व संबंधित अधिकारियों को दिया था लेकिन अभी तक जिला मुख्यालय और तहसील से कोई अधिकारी नष्ट हुई फसलों की जांच करने नहीं पहुंचा जिस कारण किसानों में अधिकारियों के प्रति आक्रोश पनप रहा है बेमौसम हुई बरसात के कहर से क्षेत्र का एक गांव जेहरा इस गांव में बारिश का कहर सबसे अधिक रहा और इस गांव के सभी किसानों के हजारों बीघा से अधिक गेहूं की फसल बुरी तरह नष्ट हो गई गांव जहरा निवासी किसान शुक्कनलाल, नेतराम, धर्मवीर ,कन्हैया, कलावती, ज्ञानचंद, जयप्रकाश, धर्मवीर, मुकेश, अशोक, रामवती, बालकचंद,प्रेम,ओम, शिवचरण, ललित आदि गांव के ज्यादातर किसानों ने बताया कि उनके खेतों में खड़ी गेहूं की फसल अभी तैयार होने वाली थी लेकिन अचानक बेमौसम बारिश ने खेतों में खड़ी हजारों बीघा से अधिक फसल नष्ट हो गई है कई किसानों ने बताया कि तैयार गेहूं की फसल को काटकर सरकारी केंद्रों पर बेचकर बेटी की शादी करनी थी लेकिन खेत में खड़ी गेहूं की फसल नष्ट होने से सब कुछ बर्बाद हो गया है बैंक का कर्जा भी नहीं उतार पाएंगे अब तो सभी किसान बर्बाद हो गए एक सप्ताह बीतने के बाद भी तहसील और जिला मुख्यालय से कोई अधिकारी नष्ट हुई फसलों की जांच करने नहीं पहुंचा बारिश के कहर से जूझ रहे किसानों की पीड़ा लगातार बढ़ रही है बरसात से खेतों में भरा पानी तो जरूर कम हुआ लेकिन किसान की आंखें अभी भी अपनी बर्बादी होती फसल को देखकर नम हो रही है बरसात से पहले खेतों में लहलहाती फसल को देखकर अधूरे सपने पूरे करने की उम्मीद जागी थी आसमान से आफत बरसी और फसल के साथ सपने भी बिखर गए अब देखना यह है कि प्रशासनिक अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन करते हैं या नहीं या किसानों को अपनी बेबसी पर ऐसे ही रोना पड़ेगा
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