21 लाख खर्च फिर भी गंदगी का लगा है ढेर
कस्बे में कई जगह गंदगी से परेशान लोग कागजों में पीठ थपथपा रही है नगर पंचायत
21 लाख खर्च फिर भी गंदगी का लगा है ढेर
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 का मुंह चिढ़ा रही है तस्वीरें
- कस्बे में कई जगह गंदगी से परेशान लोग कागजों में पीठ थपथपा रही है नगर पंचायत
- पूर्व कैबिनेट मंत्री ने किया था 42 लाख रुपये का प्रस्ताव
थानाभवन- पूर्व कैबिनेट मंत्री द्वारा तालाब के जीर्णोद्धार के लिए 42लाख रुपए के प्रस्ताव पर 21 लाख रुपये खर्च डाले फिर भी तालाब व तालाब के पास की जगह को कूड़े के ढेर में तब्दील कर दिया है। लोगों का गंदगी और बदबू से जीना मुहाल है। जबकि पास में ही महाविद्यालय सहित दो इंटर कॉलेज भी मौजूद हैं।
थानाभवन नगर पंचायत स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के पोस्टर और बैनर कस्बे में जगह-जगह लगाकर स्वच्छ सर्वेक्षण में कस्बे को गंदगी मुक्त करने में जन सहयोग की अपील कर रही है। जबकि नगर पंचायत ने खुद कस्बे में कई जगहों को गंदगी और कूड़े के ढेर में तब्दील कर दिया है। हैरत की बात तो यह है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा द्वारा राजकीय महाविद्यालय थानाभवन के नजदीक ही तालाब के जीर्णोद्धार के लिए 42 लाख रूपया का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पास कराया गया था। जिसमें से नगर पंचायत ने लगभग 21 लाख रुपए तालाब के जीर्णोद्धार पर खर्च कर डाले हैं, लेकिन मौके पर तालाब के जीर्णोद्धार पर कागजी खानापूर्ति कर लाखों रुपयों को डकार लिया गया। जबकि तालाब के पास में खाली पड़ी जमीन पर नगर पंचायत द्वारा आए दिन कस्बे से निकलने वाली गंदगी को डाला जाता है। कूड़ा करकट से यहां बदबू और गंदगी फैली है। जिस जगह पर नगर पंचायत लगातार गंदगी के ढेर लगा रही हैं इसके पास राजकीय महाविद्यालय सहित कस्बे के दो इंटर कॉलेज भी मौजूद हैं। जिनमें आसपास के क्षेत्र एवं कस्बे से हजारों छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं। गंदगी से यहां लोगों का जीना मुश्किल हुआ है। वही गंदगी के ढेर के सामने ही स्थित कॉलोनी वासियों ने भी गंदगी को हटाने के लिए उच्च अधिकारियों तक शिकायत कर डाली है। लेकिन हालात में कोई बदलाव नहीं है। नगर पंचायत के द्वारा भ्रष्टाचार का भी बड़ा मामला सामने आ रहा है। क्योंकि तालाब के जीर्णोद्धार में 21 लाख रुपया से ज्यादा का खर्च नगर पंचायत ने कर दिया है जबकि कागजों में अभी काम जारी है। करीब 2 वर्ष पहले तालाब के एक छोटे हिस्से की खुदाई करके नाम मात्र को मौके पर काम किया गया था। इस तालाब में भी अब गंदगी के ढेर लगे हैं। तालाब के जीर्णोद्धार के नाम पर लाखों रुपए के भ्रष्टाचार को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को शिकायत की गई लेकिन अभी तक किसी भी उच्च अधिकारी ने मामले में गंभीरता से जांच करने की जहमत नहीं उठाई। इस मामले में अधिशासी अधिकारी जितेंद्र राणा से भी वार्ता की गई थी। उन्होंने बताया कि यह मामला उनसे पहले का है वह तालाब के जीर्णोद्धार वाली पूरी फाइल को पढ़ने के बाद ही इस मामले में कुछ कह सकते हैं। जबकि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 को लेकर नगर पंचायत कस्बे में बैनर एवं पोस्टर लगाकर लोगों से स्वच्छता में भागीदार बनने की अपील तो कर रही है लेकिन खुद सार्वजनिक और सरकारी जगहों को गंदगी के ढेर में तब्दील करने का काम कर रही है।