पटाखा फैक्ट्री मालिक को बचाने की लीपा पोती जारी
थाना प्रभारी बोले नही आई कोई तहरीर
पटाखा फैक्ट्री मालिक को बचाने की लीपा पोती जारी
- हादसे में झुलसी महिला दिल्ली अस्पताल में भर्ती
- घायलों को अपने घर में फैक्ट्री मालिक पर इलाज के बजाय बंधक बनाने का आरोप
थानाभवन-पटाखा फैक्ट्री में आग लगने के मामले में पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। जबकि गंभीर रूप से घायल दो महिलाओं का उपचार दिल्ली अस्पताल में चल रहा है। इस मामले में स्थानीय पुलिस का कहना है कि अभी तक उन्हें कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। परिजनों ने फैक्ट्री मालिक पर घायलों को कई घंटे तक अपने घर में बंधक बनाकर रखने एवं इलाज न करने का भी आरोप लगाया है।
शामली जनपद के थानाभवन में दिल्ली सहारनपुर नेशनल हाईवे मार्ग पर बृहस्पतिवार की शाम हाई टेंशन लाइन में फैक्ट्री में लगी तिरपाल टकराने के बाद आग लग गई थी। जिसके कारण फैक्ट्री में लाखों का माल स्वाहा हो गया था वहीं मौके पर पुलिस बल एवं दमकल विभाग ने पहुंचकर घंटो की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था। घटना में फैक्ट्री में काम करने वाली कई महिला कर्मचारी भी झुलस गई थी। जिनमें से शावरा एवं मुमताज नाम की महिला की हालत गंभीर होने के कारण दोनों का इलाज फिलहाल दिल्ली के अस्पताल में चल रहा है। जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। वही इस मामले में शावरा के भाई अब्दुल मालिक ने स्थानीय पुलिस को बृहस्पतिवार की देर शाम तहरीर देकर तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी बहन शावरा अजीमुद्दीन फायरवर्क्स में काम करती थी। घटना के बाद जब वह फैक्ट्री पर पहुंचे तो फैक्ट्री मालिक ने उन्हें शावरा के घायल होने की कोई सूचना नहीं दी और फैक्टरी पर उन्हें अपने लोगों के साथ मिलकर धमकाया और वहां से भगा दिया। जैसे तैसे उन्हें थानाभवन सरकारी अस्पताल में शावरा के भर्ती होने की जानकारी मिली थी। वहीं गंभीर हालत के चलते उसे रेफर कर दिया गया था। तहरीर में ही बताया गया है कि मुमताज के परिजन भी मुमताज को हादसा होने के बाद से तलाश रहे थे। फैक्ट्री पर पहुंचे तो उन्हें डरा धमका कर वहां से भगाया गया। उन्हें थानाभवन के मोहल्ला छिपियान में स्थित फैक्ट्री मालिक के घर पर मुमताज के होने की जानकारी मिली थी। आरोप है कि जब उन्होंने मुमताज से मिलने की बात कही तो उक्त लोगों ने उन्हें बहुत डराया धमकाया काफी ज्यादा जद्दो जहद के बाद घायल अवस्था में मुमताज को देकर वहां से भगा दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री मालिक ने घायल होने की सूचना उनसे छिपाये रखी एवं घायलों को इलाज देने के बजाय कई घंटे तक अपने घर में बंधक बनाए रखा। जिसके कारण घायल मुमताज की जान खतरे में पड़ गई। फैक्ट्री मालिक के घर से मुमताज को लेकर परिजन थाने में पहुंचे और तहरीर देकर पुलिस से आरोपित फैक्ट्री मलिक पर डराने धमकाने एवं घायल को अपने घर में बंधक बनाने आदि आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। वही तहरीर में नसीमा पत्नी बुद्धू एवं नसीरा मोहल्ला जोहडी आदिनगर व आयशा पत्नी मुबारक और एक दो अन्य के झुलसने की भी जानकारी दी गई है। इस मामले में 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया।
थानाभवन थाना प्रभारी सुदेश कुमार ने बताया कि हमें कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। जबकि पीड़ित ने बताया कि उन्होंने बृहस्पतिवार की देर शाम थाने में पुलिस को तहरीर दे दी थी।
फैक्ट्री मालिक को बचाने के लिए घटना के लिए लीपापोती शुरू
फैक्ट्री में जिस तरह से लापरवाही के चलते आग लगने के बाद हादसा हुआ जहां एक और कई लोग झुलसकर घायल हो गए। फैक्ट्री मालिक ने मौके पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों को गुमराह करते हुए किसी भी कर्मचारी के हताहत ना होने की जानकारी दी और पूरी घटना को दबाए रखा। वहीं कुछ देर बाद कई महिलाओं के घायल होने की जानकारी बाहर आई। उसके बाद भी फैक्ट्री मालिक साँठ गांठ में लगा रहा और घटना को दबाने के लिए प्रयास करता रहा। हैरत की बात तो यह है कि घायल महिला कर्मचारी मुमताज को तो फैक्ट्री मालिक ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराने के बजाय अपने घर पर ही बंधक बना लिया। जिससे उसे कई घंटे तक इलाज भी नहीं मिल पाया। परिजनों ने फैक्ट्री मालिक के घर से मुमताज को बंधन मुक्त कराकर अस्पताल में भर्ती कराया। परिजनों द्वारा तहरीर देने की बात को भी स्थानीय पुलिस ने साफ इनकार कर दिया। घटना के बाद घायलों की जान से खिलवाड़ करने एवं उन्हें बंधक बनाने के मामले पर भी पुलिस लीपा पोती करने में जुटी है। मामला फिलहाल लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर किसके संरक्षण के कारण पटाखा फैक्ट्री मालिक को पुलिस बचाने में जुटी है।