बहसूमा थाना क्षेत्र के जंगल में तेंदुआ के पंजे के निशान, दहशत में ग्रामीण
बहसूमा। बहसूमा क्षेत्र के शाहपुर बटावली के जंगल में तेंदुए के पंजे के निशान देखकर ग्रामीण सहम गए। खेतों में उसके पंजे के निशान भी दिख रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से मामले में कार्यवाही करने की गुहार लगाई है।बता दें कि शाहपुर निवासी किसान जगतसिंह अपने खेत में काम करने गए थे।खेत में उन्होंने तेंदुए के पंजों के निशान देखे तो सूचना आसपास के खेतों में काम कर रहे किसानों को दी। किसान वहां पहुंचे और निशान देखें। इससे किसानों में भय व्याप्त हो गया और वे गांव की तरफ भाग लिए। उन्होंने गांव में आकर इसकी सूचना दी।और कहा कि कोई भी किसान खेत में न जाएं। खेत तेंदुए के पंजे के निशान मिले हैं। शाहपुर बटावली के ग्रामीण इन दिनों दहशत में है।इस दहशत की वजह है। जंगल में मिले तेंदुए के पंजे के निशान। ग्रामीण अपने परिवार और मवेशियों की रखवाली के लिए रातभर जागकर पहरा दे रहे हैं। कुछ ग्रामीण तो तेंदुए को देखने का दावा भी कर रहे हैं। ग्रामीण डर के मारे खेतों पर भी झुंड बनाकर जा रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से सुरक्षा की गुहार लगाई है।बरहाल, दहशत दावों के बीच तेंदुए की यह कहानी अब पंजे के निशान के साइज पर टिकी हैं।वन विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने एक बड़े कुत्ते और तेंदुए के पंजों का अंतर समझाया। शाहपुर बटावली में तेंदुआ के पंजों के निशान मिलने से आसपास के गांवों में भी दहशत का माहौल है। तेंदुए का खोफ इस कदर छाया है कि शाम होते ही गांव में सन्नाटा छा जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल में मिले तेंदुए के पंजों के निशान से लोग दहशत में हैं।रात में जागकर पहरा देना पड़ रहा है।लेकिन वन विभाग की टीम नियमित शाम के समय पेट्रोलिंग कर रही है। हालांकि तेंदुए की सूचना पर वन विभाग की टीम ने दो दिन पहले आकर जांच भी की थी।और पेट्रोलिंग भी की जा रही है।वन विभाग से रेंजर रविकांत चौधरी ने का बताया है कि तेंदुए के पंजा निशान छ इंच चौड़ा होता है। ।इसके अलावा इसमें नाखून के निशान नहीं छपते , जबकि कुत्ते के पंजा करीब ढ़ाई से तीन इंच चौड़ा होता है।जंगल में मिले निशान ढाई से तीन इंच चौड़े है। वही, वन विभाग एक बड़े कुत्ते के पंजे का निशान होने का दावा कर रहा है।