बबूल के पेड़ के नीचे बैठकर पढ़े हैं हम आज के छात्र छात्राएं हैं भाग्यशाली (मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी)

बबूल के पेड़ के नीचे बैठकर पढ़े हैं हम आज के छात्र छात्राएं हैं भाग्यशाली (मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी)


मवाना इसरार अंसारी। रविवार को नगर के मेरठ रोड पर स्थित ए एस इंटर कॉलेज में आयोजित पूर्व विद्यार्थी स्मृति दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे प्रदेश सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी नहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपनी बेटी यादें छात्र-छात्राओं एवं कार्यक्रम में उपस्थित समस्त लोगों के साथ सांझा की। उन्होंने कहा कि वह बबूल के पेड़ के नीचे बैठकर पड़े थे यह आज के छात्र छात्राओं का सौभाग्य है कि उन्हें ऐसी संस्था जो उत्तर प्रदेश की सबसे सुंदर सनकारी सकता है इसमें छात्र-छात्राओं को बहुत ही लगन और निष्ठा के साथ पढ़ लिख कर देश का नाम रोशन करना है तथा अपने अंदर अपनी पुरानी संस्कृति को आवश्यक रूप से उत्पन्न करना है जब तक राष्ट्र के प्रति राष्ट्रीय भावना उत्पन्न नहीं होगी तब तक हमारी पढ़ाई लिखाई का कोई महत्त्व नहीं होगा उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें 110 साल पुराने संस्था में आने का अवसर प्राप्त हुआ है जिस संस्था में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू आए थे उस संस्था में उन्हें आने का अवसर प्राप्त हुआ है और वह भी उस समय जहां इस संस्था ने अनेकों डॉ आईपीएस इंजीनियर वैज्ञानिक तथा व्यवसाय के क्षेत्र में विदेशों में कार्य कर रहे छात्रों को जन्म दिया है इसी प्रकार सभी छात्र छात्राओं को बड़े बहन भाइयों से शिक्षा लेकर अपने कीर्तिमान को श्री रामचंद्र की प्रकार बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि मां बाप औलाद को जन्म देते हैं लेकिन गुरु जीवन जीने की दिशा देता है इसीलिए मां बाप के साथ-साथ गुरु का आदर भी सर्वोपरि है। क्योंकि मनुष्य के मां बाप इंसान को पुश्तैनी मकान जमीन जायदाद दौलत देता है जिसे कोई भी अपने कर्मों के प्रति गवा सकता है तथा कोई भी चुरा सकता है। लेकिन गुरु एक ऐसा ज्ञान देता है जिसे चाह कर भी कोई चोर चुरा नहीं सकता कोई चाह कर भी गवा नहीं सकता। और गुरु के ज्ञान में एक बात और खास होती है मानो यह गुरुओं का आशीर्वाद ही होता है जितना बांटो गे उतना ही बढ़ेगा। कार्यक्रम के दौरान कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ मेघराज सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि छात्र छात्राओं के लिए सावित्री देवी पुरस्कार रुपया 71000 तथा 51 हजार एवं 31000 अन्य कई ऐसे पुरस्कार की घोषणा हुई जो प्रतिवर्ष मेधावी छात्र छात्राओं को दिए जाएंगे।