अवैध पटाखों को लेकर मुखबिर तंत्र निष्क्रिय बड़े हादसे का इंतजार
क्षेत्र में घनी आबादी में भी लोगों ने कर रखा हैं पटाखा भंडारण
अवैध पटाखों को लेकर मुखबिर तंत्र निष्क्रिय बड़े हादसे का इंतजार
- पूर्व में हो चुके हैं कई बड़े हादसे, कई लोगों की जा चुकी है जान
- क्षेत्र में घनी आबादी में भी लोगों ने कर रखा हैं पटाखा भंडारण
थानाभवन- पटाखों का गढ़ कहे जाने वाले कस्बा थानाभवन में बड़ी मात्रा में लोगों ने घनी आबादी में कई जगहों पर अवैध पटाखा भंडारण कर रखा है, लेकिन अधिकारियों की नजर में क्षेत्र में कहीं भी अवैध पटाखा भंडारण होने की जानकारी नहीं है। हालांकि कई बार पटाखा विस्फोट होने के बाद कई लोगों ने अपनी जान गवाई है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।लेकिन पुलिस का मुखबिर तंत्र भी फेल नजर आ रहा है।
माना जाता है कि पुलिस का मुखबिर तंत्र इतना तेज होता है कि रातों-रात कोई भी गहन जानकारी जुटाना हो तो पुलिस जानकारी जुटाकर अपराधियों या गैर कानूनी काम करने वालों के गिरोबान तक पहुंच जाती है, लेकिन थानाभवन पुलिस का मुखबिर तंत्र एकदम निष्क्रिय दिखाई दे रहा है। कस्बे में दीपावली से पहले कई बड़े पटाखा माफियाओं ने घनी आबादियों में अवैध रूप से पटाखा भंडारण कर रखे हैं। कई लोगों ने गुप्त रूप से जानकारी उपलब्ध कराते हुए नाम न छापने के शर्त पर बताया कि दीपावली पर जो लोग पटाखा बेचने का काम स्टॉल लगाकर करते हैं उन लोगों द्वारा कस्बे की घनी आबादी में करोड़ों रुपए की लागत लगाकर अवैध रूप से पटाखों का भंडारण किया गया है। हालांकि थानाभवन पुलिस के पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। जिससे वह अवैध पटाखा माफियाओं को पड़कर उन पर कार्रवाई कर सके। जबकि हाल ही में गढ़ी पुख्ता पुलिस ने अवैध पटाखा भंडारण के मामले में एक महिला सहित तीन लोगों को जेल भेज दिया है। थानाभवन पुलिस अवैध पटाखा भंडारण को लेकर एकदम निष्क्रिय दिखाई दे रही है।
कई बड़े हादसों में गई है लोगों की जान
थानाभवन क्षेत्र में पूर्व से ही अवैध एवं लाइसेंस धारी फैक्ट्री में पटाखों का बड़ा कारोबार होता रहा है। कई बार बड़े हादसे भी थानाभवन में हो चुके हैं जिनमें कई लोग अपनी जान गवा चुके हैं और कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा किसी भी मामले में आज तक बड़ी कार्रवाई न किए जाने से यह कारोबार गली मोहल्लों मैं भी खूब फल फूल रहा है सूत्रों की माने तो अवैध पटाखा कारोबार में सफेद पोश कई व्यापारियों का बाहरी रूप से पैसा लगा हुआ है। जबकि प्रत्यक्ष रूप से पटाखे को बेचने एवं सप्लाई करने का काम अन्य कोई मामूली समझे जाने वाला व्यक्ति करता नजर आता है। सवाल इस बात का भी बनता है कि जब क्षेत्र में अवैध पटाखा भंडारण नहीं है तो दीपावली के दिन पटाखा बाजार लगाने वाले लोगों के पास इतनी बड़ी मात्रा में रातों-रात पटाखे कहां से उपलब्ध हो जाते हैं।