व्यापारी को लगाए एक लाख के चूने का आखिर कौन जिम्मेदार ?

नकली चेक से भुगतान में मिली भगत की आशंका

व्यापारी को लगाए एक लाख के चूने का आखिर कौन जिम्मेदार ?

व्यापारी को लगाए एक लाख के चूने का आखिर कौन जिम्मेदार ?

- फर्जी चेक को नहीं पहचान पाए बैंक कर्मचारी निकाल दी एक लाख की रकम

- नकली चेक से भुगतान में मिली भगत की आशंका

थानाभवन- व्यापारी के खाते से फर्जी चेक लगाकर एक लाख रुपये निकालने के मामले में पीड़ित उपभोक्ता द्वारा तहरीर के बाद मामले में जांच शुरू हुई तो हैरान कर देने वाले तथ्य भी सामने आ रहे हैं। जहां दो अनजान व्यक्तियों ने बैंक में पहुंचकर चेक का भुगतान लिया है। वही नकली चेक तैयार कर बैंक से एक लाख रुपये की धनराशि निकाली गई है। आखिर बैंक कर्मचारी नकली चेक पहचानने से कैसे चूक गए। इस बात से बैंक की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।

शामली जनपद के थानाभवन पंजाब नेशनल बैंक में खाता धारक नीलकंठ ट्रेडर्स के मालिक अश्वनी गोयल द्वारा 27 अक्टूबर 2023 को थाने पर एक प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया गया था कि उसके खाते से ₹100000 की धनराशि निकल गई है। जबकि उसने ₹100000 का कोई चेक जारी नहीं किया था। पीड़ित की तहरीर के बाद पुलिस ने मामले में प्राथमिक जांच कर मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया एवं जांच जारी है। जबकि तीन दिन बीतने के बाद अभी तक मुकदमा दर्ज नही हुआ। जबकि मामले में हैरान कर देने वाले कई तथ्य सामने आए हैं जब जांच पड़ताल हुई तो जानकारी मिली कि थानाभवन पंजाब नेशनल बैंक में दो युवकों ने पहुंचकर सिद्धार्थ नाम से चेक जमा कर ₹100000 का भुगतान लिया था। जबकि जमा किया गया चेक एकदम बिल्कुल फर्जी है। प्रथम द्रष्टया ही कोई भी व्यक्ति फर्जी चेक को पहचान सकता है, लेकिन बैंक कार्य में निपुण होने के बावजूद भी बैंक कर्मचारियों ने फर्जी चेक पर ₹100000 का भुगतान आखिर कैसे दे दिया। इस बात को लेकर बैंक कर्मचारियों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं। जबकि 50 हजार रुपये से ऊपर की रकम पर बैंक कर्मचारियों द्वारा खाताधारक को फोन कर चेक द्वारा भुगतान राशि निकालने की जानकारी ली जाती है। यह प्रक्रिया भी बैंक कर्मचारियों द्वारा ना अपनाई जाने से मिली भगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि कई दिन बीत जाने के बावजूद भी पुलिस इस मामले में कोई खास सफलता हासिल नहीं कर पाई। ₹100000 की राशि निकालने वाले भी अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है। जबकि पीड़ित उपभोक्ता बैंक कर्मचारियों के कारण अपने खाते से ₹100000 की धनराशि से हाथ धो बैठा है। वही बैंक के उच्च अधिकारियों द्वारा भी अभी तक बैंक कर्मचारियों की इस लाहपरवाही पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।