सांसदों के निलंबन पर आक्रोशित कांग्रेसियों ने कलेक्ट्रेट को घेरा, सौंपा ज्ञापन

सांसदों के निलंबन पर आक्रोशित कांग्रेसियों ने कलेक्ट्रेट को घेरा, सौंपा ज्ञापन

आज देश और संविधान दोनों खतरे में है : अभिषेक सिंह राणा

सुल्तानपुर। सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेसियों ने विरोध प्रदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। प्रदेश सचिव एवं जनपद प्रभारी मो अनीस खा व शहर अध्यक्ष शकील अंसारी की मौजूदगी में कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा के नेतृत्व में जिला कार्यालय पर सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी एकत्रित हुए, वहां से जुलूस निकाल कर नारेबाजी करते हुए लाल डिग्गी,चौराहा डाकखाना चौराहा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां भारी पुलिस बल का जमावड़ा लगा था पुलिस प्रशासन ने अंदर से कलेक्ट्रेट का मुख्य द्वार बंद कर दिया तो नाराज कांग्रेसियों ने कलेक्ट्रेट गेट के सामने घंटा बैठकर योगी, मोदी मुर्दाबाद व तानाशाही नहीं चलेगी लोकतंत्र जिंदाबाद संविधान जिंदाबाद आदि नारों के साथ जमकर हंगामा काटा। वहीं जिला प्रशासन को कांग्रेसियों की भीड़ को काबू करने में पसीने छूट रहे थे तभी इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य दल विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंच गए। मौके पर मौजूद उप जिलाधिकारी सदर सीपी पाठक ज्ञापन लेने के लिए आए तो कांग्रेसियों ने उन्हें देने से मना करते हुए पहले गेट खोलने को कहा कांग्रेस जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा व कांग्रेस के अन्य नेता कलेक्ट्रेट का मेंन गेट खोलने के लिए अड़े रहे तब जिला प्रशासन को मजबूरन गेट खोलना पड़ा उसके बाद कांग्रेसियों का जुलूस कलेक्ट्रेट गेट के अंदर प्रवेश कर गया। नारेबाजी करते हुए भारी संख्या में कांग्रेसी व इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य पार्टियों ने कलेक्ट्रेट गेट के अंदर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। तत्पश्चात कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा ने जिलाधिकारी प्रतिनिधित्व के तौर पर पहुंचे एडीएम प्रशासन पंकज सिंह को महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। गौरतलब है कि 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक की घटना को लेकर विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ लामबंद हो गया था, विपक्षी दलों के नेताओं ने मांग की थी कि संसद में हुई सुरक्षा चूक को लेकर चर्चा हो और गृहमंत्री अमित शाह सदन में आकर घटना का जवाब दें, जिसको लेकर संसद में कार्रवाई के दौरान विपक्ष सदन में हंगामा कर रहा था। विपक्षी सांसदों के हंगामा को देख सत्ता पक्ष ने आक्रामक तेवर अख्तियार करते हुए सदन के दोनों उच्च सदनों से लगभग 148 सांसदों को निलंबित कर दिया जिसे लेकर कांग्रेस व इंडिया गठबंधन में शामिल सभी दलों के नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ खासी नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा ने कहा कि आज लोकतंत्र को बचाने का दिन है, जिस सांसद के पास से संसद की सुरक्षा में चूक हुई, उसका निलंबन नहीं किया जा रहा है, लेकिन जन सरोकारों के मुद्दों को उठाने वाले सांसदों का निलंबन तुरंत कर दिया गया, यह साबित करता है कि आज लोकतंत्र खतरे में है। वहीं उन्होंने कहा कि हमने पिछले 10 सालों में मोदी सरकार के कार्यकाल में नौ जनता की चुनी हुई सरकारों को गिरते हुए देखा है। अब जन मुद्दों को उठाने वाले सांसदों का निलंबन भी देख रहे हैं,आज देश और संविधान दोनो खतरे में है। शहर अध्यक्ष शकील अंसारी ने सांसदों के सवाल उठाने पर निलंबित करने को लोकतंत्र की हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि सांसदों को अपनी आवाज उठाने पर निलंबित करना भारतीय लोकतंत्र में काला अध्याय है। उन्होंने कहा कि किसान, बेरोजगारों, युवाओं की आवाज नहीं सुनने वाली केंद्र सरकार अब संसद में चुनकर गए जानता के नुमाइंदों को भी बोलने का हक नहीं दे रही है। इस मौके पर वरिष्ठ नेता हरीश त्रिपाठी,नफीस फारुकी, लाल पद्माकर सिंह, राहुल त्रिपाठी, कृष्ण कुमार मुन्नू,ओपी चौधरी, लक्ष्मी कांत मिश्र, हौसिला भीम,रामबरन राय,सिराज अहमद भोला, तेज बहादुर पाठक, सुब्रत सिंह सनी,पवन मिश्र नन्हे,कु.निकलेश सरोज, रामकुमारी, मीनू यादव, रेनू चौहान,पवन मिश्रा कटांवा, मानस तिवारी,अरुण त्रिपाठी, मो मोबीन अहमद, मनोज कुमार तिवारी,महेंद्र सिंह,कमर खान, प्रेम भारती, सुनील चौहान,अनिल मिश्र, अतहर नवाब, अवधेश गौतम, गुड्डू जायसवाल, मो इकबाल, श्याम लगन गौतम, शाहबाज खान, असलम अंसारी, हाजी फिरोज, शक्ति तिवारी, देवेंद्र तिवारी, राहुल मिश्र, राजेश ओझा,लालता पाठक, विनय तिवारी, सूरज मिश्र, उमाकांत त्रिपाठी, हारून अहमद, आवेश अहमद, अतिउल्ला अंसारी, चंद्रभान सिंह चुन्ना, ओमप्रकाश त्रिपाठी चौटाला,अर्श खान लकी,मानिक श्रीवास्तव, ममनून आलम, ओपी दुबे, अनवर शाही, सिराज सिद्दीकी,अमोल बाजपेयी, जनार्दन शुक्ल, मो इमरान खान (मीडिया प्रभारी) शीतला शाहू, इमरान अहमद आदि लोग मौजूद रहे।