अवैध निर्माण दो बार टूटने के बाद तीसरी बार पैमाइश में वैध हुआ घोषित
योगी सरकार में सरकारी जमीनों पर वैध कब्जे के सर्टिफिकेट देते हल्का लेखपाल
*अवैध निर्माण दो बार टूटने के बाद तीसरी बार पैमाइश में वैध हुआ घोषित*
- संदिग्ध पैमाइश पर पैमाइश करने वाली टीम पर उठ रहे है सवालिया निशान
- अगर पूर्व में दो निर्माण गलत तोड़ा गया है तो सम्बंधित कर्मचारियों के खिलाफ कौन करेगा कार्यवाही
थानाभवन नगर पंचायत में सरकारी जमीनों पर कब्जों के लेकर भूमाफियाओं की ढाल साबित हो रहे है हल्का लेखपाल अनेकों शिकायतों के बावजूद कोई भी सरकारी भूमि कब्जा मुक्त नही हो पा रही है। क्योंकि हल्का लेखपाल व भूमाफियाओं की आपस में साठ-गाठ के चलते करोडों की बेशकीमती सरकारी भूमि कों कब्जा मुक्त कराने में जनपद के वरिष्ठ अधिकारी भी नाकाम साबित हो रहे है। ताजा मामला नगर के मुल्लापुर रोड स्थित मसावी पट्टी के खसरा नम्बर 112 का है। उक्त खसरा नम्बर पर भूमाफिया वर्षों से कब्जा करने का प्रयास कर रहे है। पूर्व में दो बार स्थाई निर्माण करने पर राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पैमाइश के बाद भूमि कों चिन्हित करते हुये नगर पंचायत के कर्मचारियों से बुलडोजर के माध्यम से गिरवा भी दिया है। सूत्रों की माने तो इस बार हल्का लेखपाल से साठ-गाठ करने के बाद उक्त कब्जाधारी ने उक्त बंजर की भूमि पर पुनः स्थाई निर्माण कर दिया है। शिकायतों व कब्जे से सम्बंधित खबरें दैनिक समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित होने पर जनपद के उच्चाधिकारीयों के आदेश में ना चहाते हुये। राजस्व विभाग की टीम कों पुनः पैमाईश करने के लिये मौके पर पहुंचना पड़ा। इस बार साठ-गाठ होने के कारण पैमाइश करने वाली राजस्व विभाग की टीम ने सरकारी भूमि पर किये गये निर्माण कों वैध घोषित कर दिया।
"राजस्व विभाग की इस कार्यप्रणाली कों आखिर क्या नाम दें"
आश्चर्य की बात यह है की खसरा नम्बर 112 बंजर की भूमि की पूर्व में दो बार पैमाइश की गयी और मौके पर सरकारी भूमि कों चिन्हित करके स्थाई निर्माण कों जमीदोज करते हुये लाखों रुपये नुकसान पहुंचाया गया। दो बार टूटने के बाद उसी जगह पर दोबारा किया गया कब्जा वैध घोषित हो गया। आखिर राजस्व विभाग की इस कार्यप्रणाली कों किस नजरिये से देखा जाये