चित्रकूट-बाल स्वास्थ्य पोषण माह विटामिन ए सम्पूर्ण कार्यक्रम  - सीएमओ ने बच्चे को विटामिन ए की खुराक पिलाकर किया कार्यक्रम का शुभारम्भ।

चित्रकूट-बाल स्वास्थ्य पोषण माह विटामिन ए सम्पूर्ण कार्यक्रम   - सीएमओ ने बच्चे को विटामिन ए की खुराक पिलाकर किया कार्यक्रम का शुभारम्भ।

चित्रकूट: पूर्व की भाॅति माह दिसम्बर में बाल स्वास्थ्य पोषण माह बुधवार से पूरे जनपद में संचालित किया जा रहा है। दिसम्बर अभियान का विधिवत उद्घाटन मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ भूपेश द्विवेदी ने कार्यालय परिसर में संचालित शहरी पीएचसी कर्वी में 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराॅक पिलाकर किया। इस दौरान कुल 9 माह से 12 माह की आयु के 1 बच्चे तथा 1 से 5 वर्ष तक के 10 बच्चो को विटामिन-ए की खुराॅक पिलाई गयी।

   मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ भूपेश द्विवेदी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य एंव आईसीडीएस विभाग के सहयोग से संचालित बाल स्वास्थ्य पोषण माह विटामिन-ए सम्पूरण कार्यक्रम टीकाकरण का एक अभिन्न अंग है, जो प्रत्येक सप्ताह सोमवार, बुधवार एंव शनिवार को नियमित टीकाकरण, वीएचएनडी सत्रों में प्रतिवर्ष माह जून एवं दिसम्बर में आयोजित किया जाता है। उन्होंने बताया कि बाल स्वास्थ्य पोषण माह का उद्देश्य 9 माह से 5 वर्ष तक आयुवर्ग के बच्चो में निम्न लक्ष्यों को प्राप्त करना है, रोगोे से लडने की क्षमता में वृद्धि, 5 वर्ष तक के बच्चो मे मृत्यु दर में कमी लाना, रतौधी से बचाव, कुपोषण से बचाव एंव उपचार, नियमित टीकाकरण के दौरान लक्षित बच्चों के साथ छूटे हुए बच्चों का प्रतिरक्षण, आयोडीन युक्त नमक के प्रयोग से बच्चों में शारीरिक एवं विकृतियों में कमी लाना। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों की भाॅति इस वर्ष भी माह दिसम्बर 2023 में बाल स्वास्थ्य पोषण माह के अन्तर्गत विटामिन ए सम्पूरण अभियान मनाया जा रहा है। नियमित टीकाकरण के दौरान लक्षित बच्चों का टीकाकरण एवं खसरे के प्रथम टीकें 9 से 12 माह एंव द्वितीय टीके 16 से 24 माह के साथ विटामिन ए की प्रथम खुराॅक एंव द्वितीय खुराॅक का आच्छादन किया जाये। बच्चों का वजन एंव चिन्हित अति कुपोषित बच्चों का संदर्भन, 6 माह तक स्तनपान एंव 6 माह के बाद पूरक आहार को बढावा देना, आयोडीन युक्त नमक के प्रयोग हेतु समुदाय को जागरूक करना। विटामिन-ए वसा में एक घुलनशील विटामिन है, जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है तथा यह सूक्ष्मपोषक तत्व कुपोषण से भी बचाता है। प्रदेश में 60 प्रतिशत बच्चों में विटामिन ए की कमी होने का खतरा होता है, जो कि बच्चो में बीमारी एंव मृत्युदर की संम्भावनाओं को बढाता है। 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को 1 वर्ष में 2 विटामिन ए की निर्धारित खुराॅक दिये जाने से उनके जीवित रहने की सम्भावना निम्न कारणों से बढ जाती है। 

   इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डाॅ जीआर रतमेले, प्रभारी चिकित्साधिकारी शहरी पीएचसी कर्वी डाॅ शिखर अग्रवाल, जिला समन्वयक एनयूएचएम रूपनारायण, लेखा एनयूएचएम गर्व तिवारी, सीएआरआई नरोत्तम सिंह, एलटी कुलदीप सिंह, फार्मासिस्ट यूपीएचसी अभिलाष खरे, एआरओ रामजी मौर्या, डब्लूएचओ से राजेन्द्र कुमार, शहरी क्षेत्र एंव यूएनडीपी से कुसुम श्रीवास्तव वीसीसीएम, एलटी अल्का सिंह आदि मौजूद रहे।