चित्रकूट में ऑपरेशन मुस्कान: एकादशी मेला परिक्रमा मार्ग में बिछड़ी बच्ची को पुलिस ने सुरक्षित ढूंढ निकाला, परिजनों के चेहरे पर लौटी खुशी।
चित्रकूट, 12 नवंबर 2024 – एकादशी मेले के दौरान परिक्रमा मार्ग में अपने परिजनों से बिछड़ी 12 वर्षीय आर्या वर्मा को चित्रकूट पुलिस ने तत्परता और सूझबूझ से ढूंढकर उसके माता-पिता को सुरक्षित सौंप दिया। पुलिस अधीक्षक श्री अरुण कुमार सिंह के निर्देशन में चलाए जा रहे "ऑपरेशन मुस्कान" के तहत पुलिस टीम ने इस कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिससे बच्ची के परिजनों के चेहरे पर राहत और खुशी की मुस्कान लौट आई।
आर्या वर्मा, जो कि मिर्जापुर जिले की निवासी है, एकादशी मेले में अपने माता-पिता के साथ परिक्रमा मार्ग पर आई थी। मेले की भीड़ में अचानक अपने माता-पिता से बिछड़ गई और खुद को अकेला पाया। इस कठिन स्थिति में घबराई हुई आर्या को किसी ने चौकी प्रभारी परिक्रमा मार्ग खोही श्री रमेश सिंह और उनकी टीम तक पहुंचाने में सहायता की।
चौकी प्रभारी रमेश सिंह और उनकी टीम ने तुरंत मामले की गंभीरता को समझते हुए बच्ची के परिजनों की तलाश शुरू कर दी। पुलिस टीम ने बच्ची के साथ परिक्रमा मार्ग में घूमकर उसके माता-पिता का पता लगाने का अथक प्रयास किया। करीब एक घंटे की खोजबीन के बाद पुलिस ने आर्या के माता-पिता को ढूंढ निकाला और बच्ची को सुरक्षित रूप से उनके सुपुर्द किया।
आर्या को अपने माता-पिता के पास सुरक्षित लौटते देख वहां मौजूद लोग भावुक हो उठे और पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा की। आर्या के माता-पिता ने पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए उनके द्वारा किए गए इस सराहनीय कार्य की सराहना की। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई कर उनकी बेटी को सुरक्षित ढूंढ निकाला, वह एक मिसाल है।
पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह के निर्देशन में चलाया जा रहा "ऑपरेशन मुस्कान" विशेष रूप से उन बच्चों के लिए है जो मेले, धार्मिक आयोजन, या भीड़भाड़ वाले स्थानों पर अपने परिवार से बिछड़ जाते हैं। यह अभियान इस बात का प्रमाण है कि पुलिस न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्पर है, बल्कि समाज के हर नागरिक, विशेषकर बच्चों की सुरक्षा के लिए भी उतनी ही समर्पित है।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि पुलिस की त्वरित और संवेदनशील प्रतिक्रिया के कारण न केवल परिजनों की खुशी वापस लौट आई, बल्कि समाज में पुलिस की एक सकारात्मक छवि भी उभरकर सा
मने आई है।