संविधान दिवस पर विविध कार्यक्रम, जागरूकता और सम्मान का माहौल।
चित्रकूट। संविधान दिवस के उपलक्ष्य में जिले भर में सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में मंगलवार को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन आयोजनों में संविधान के महत्व को रेखांकित किया गया और भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कलेक्टरेट सभागार में भव्य आयोजन
कलेक्टरेट सभागार में जिलाधिकारी समेत जनप्रतिनिधियों ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर समारोह की शुरुआत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लोक भवन से लाइव संबोधन को उपस्थित जनों ने देखा। इस दौरान 201 स्वयं सहायता समूहों को 9.90 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया गया। साथ ही मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। जिलाधिकारी ने कहा, "डॉ. अंबेडकर ने शोषितों और वंचितों को मुख्यधारा में जोड़कर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया। उनका योगदान भारत के संविधान में अमिट है।"
नगर पालिका और लखपति दीदी योजना का सम्मान
नगर पालिका परिषद कर्वी को सफाई अभियान में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। एलडीएम अनुराग शर्मा ने महिलाओं को लखपति दीदी योजना की जानकारी देते हुए उनके आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में प्रेरित किया।
पुलिस विभाग ने दिखाया संविधान के प्रति सम्मान
पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने पुलिस कार्यालय में डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर शपथ दिलाई। एसपी ने संविधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कार्यालय परिसर की सफाई के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी समेत पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
दिव्यांग विश्वविद्यालय में निकली संविधान पदयात्रा
जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने संविधान दिवस पर विशेष संविधान पदयात्रा निकाली। कुलपति शिशिर कुमार पांडेय ने कहा, "संविधान हमारे अधिकारों और कर्तव्यों का प्रतीक है। यह हमारे स्वाभिमान और देश की एकता का आधार है।" विद्यार्थियों और शिक्षकों ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया और इसे अपनाने की शपथ ली।
संविधान दिवस का संदेश
26 नवंबर 2015 से हर वर्ष मनाए जाने वाले संविधान दिवस का उद्देश्य नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना है। जिले भर में आयोजित कार्यक्रमों ने इस भावना को सशक्त किया और डॉ. अंबेडकर के योगदान को सजीव रखा।
चित्रकूट ने इस दिवस को एकजुटता, सम्मान और जागरूकता के साथ मनाकर संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रकट किया।