वैज्ञानिक सोच से होगा भारत का उज्ज्वल भविष्य: शशांक शेखर

पीएम श्री कंपोजिट विद्यालय कछार पुरवा में विज्ञान मॉडल कार्यशाला का भव्य आयोजन
चित्रकूट।
वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने और बच्चों में नवाचार की भावना को बढ़ावा देने के लिए पीएम श्री कंपोजिट विद्यालय कछार पुरवा में विज्ञान मॉडल कार्यशाला का आयोजन किया गया। महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में अगस्त संस्था और विद्या वाहिनी के सहयोग से बच्चों ने विज्ञान की अनोखी दुनिया का परिचय दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शशांक शेखर शुक्ला ने दीप प्रज्वलित कर किया। सरस्वती वंदना और स्वागत गीत के साथ अतिथियों का माल्यार्पण किया गया।
नवाचार के अद्भुत नमूने
इस कार्यशाला में बच्चों ने जल संरक्षण, सौर ऊर्जा, स्वच्छता और विज्ञान के अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित मॉडल प्रस्तुत किए। इन मॉडलों का निरीक्षण करते हुए शशांक शेखर शुक्ला ने बच्चों से प्रश्न पूछे और उनकी रचनात्मकता की प्रशंसा की।
वैज्ञानिक सोच से बनेगा महान भारत
बच्चों को संबोधित करते हुए श्री शुक्ला ने कहा, "विज्ञान ही हमारे देश को उन्नति के शिखर पर पहुंचाएगा। हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर फतह हासिल की है और अब सूर्य मिशन जैसे साहसिक कदम उठा रहे हैं। यह देश के लिए गौरव का विषय है। मैं चाहता हूं कि हमारे शिक्षक अपने ज्ञान और प्रयासों से बच्चों को ऐसा बनाएँ कि वे न केवल गांव और जनपद बल्कि पूरे देश का नाम विश्व स्तर पर रोशन करें।"
राज्य स्तर पर चयनित बच्चे
विद्यालय के चार होनहार छात्रों का चयन राज्य स्तर पर मॉडल प्रदर्शन के लिए हुआ है। ये बच्चे 23 और 24 जनवरी को लखनऊ के ऑडिटोरियम में अपने मॉडल प्रदर्शित करेंगे। यह न केवल विद्यालय बल्कि पूरे जनपद के लिए गर्व का विषय है।
स्नेह और सेवा का भाव
इस अवसर पर डॉ. प्रभाकर सिंह ने सभी बच्चों को निशुल्क फ्रूट जूस वितरित किया। साथ ही बच्चों को ऊनी टोपी, स्वेटर और जिनके पास ड्रेस नहीं थी, उन्हें नई ड्रेस भी प्रदान की गई। इन सेवाओं ने बच्चों और अभिभावकों में खुशी और उत्साह का संचार किया।
उत्साहवर्धन में जुटा गांव
कार्यक्रम में शिक्षकों, अभिभावकों और ग्रामवासियों की सक्रिय भागीदारी रही। प्रमुख रूप से रचना यादव, सुशील पांडे, विद्यासागर सिंह, सरला देवी, गीतांजलि सिंह, गरिमा सिंह, रंजन चंदेल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यशाला ने बच्चों की वैज्ञानिक सोच और उनकी रचनात्मकता को नया आयाम दिया। इस आयोजन ने यह सिद्ध किया कि अगर सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिले, तो हमारे बच्चों में असंभव को संभव करने की अद्भुत क्षमता
है।