आर्य समाज निरपुडा के 77 वें वार्षिकोत्सव पर शुरू हुआ चतुर्वेद शतक पारायण यज्ञ
संवाददाता राहुल राणा
दोघट | महर्षि दयानंद सरस्वती के 200 वे जन्म वर्ष के अवसर पर आर्य समाज निरपुडा ने संस्था का 77 वां वार्षिकोत्सव एवं चतुर्वेद शतक पारायण यज्ञ बड़े ही हर्षोल्लास के साथ शुरू। पहले दिन की प्रथम पाली में यज्ञ का आयोजन किया गया, यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य प्रमोद शास्त्री व वेदपाठ कन्या गुरुकुल दबथला की ब्रह्मचारीणियों ने अपनी मधुर वाणी से वेद मंत्रों के उच्चारण से किया। यजमान सपत्नीक ओमपाल महाशय रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रेम सिंह वेदवान धनोरा के द्वारा ध्वजारोहण कर किया गया। आ प्रमोद शास्त्री ने बताया कि, यज्ञ भारतीय संस्कृति का प्राण तथा वैदिक धर्म का सार है। यज्ञ के द्वारा मानव जीवन के लिए प्रेरणा दी गई | कहा कि, भौतिक दृष्टि से यज्ञ का महत्व अत्यधिक है इसके साथ ही आंतरिक, वैचारिक, मानसिक प्रदूषण समाप्त करने का अमोघ उपाय है।
स्वामी सत्यवेश ने सत्संग की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कविता पाठ किया । आर्य समाज के मंत्री हरपाल सिंह आर्य ने अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया। चौ कृष्णपाल राणा,डॉ धीरज आर्य, डॉ इकबाल सिंह, एड प्रियव्रत राणा ,डॉ हरपाल सिंह, सहेंद्र सिंह ठेकेदार, डॉ ओमवीर सिंह, प्रीतम सिंह वर्मा, जितेंद्रपाल आर्य ,शीशपाल आर्य, जसवीर सिंह राणा, बृजपाल आर्य ,मा रामकुमार आर्य आदि समारोह में मुख्य रूप से सहयोगी रहे।