यज्ञ व भंडारे के साथ श्रीमद भागवत कथा का समापन
सिम्भावली
मधुबन गार्डन में पिछले 7 दिनों से चल रही भव्य श्रीमद भागवत कथा का समापन सोमवार को विशाल यज्ञ एवं भंडारे के साथ हुआ I
यज्ञ में सभी श्रद्धालुओ ने सर्वे भवन्तु सुखिन: के भाव से आहुति अर्पित की I कथाव्यास साध्वी स्वाति भारती जी एवं दिव्य ज्योति जाग्रति संसथान के अन्य संत समाज भी यज्ञ में सम्मिलित हुए I साथ ही मास्टर कर्मवीर जी सूर्य प्रकाश उनियाल जी श्री विष्णु सिंह श्रीमती शशिबाला श्रीमती निर्मला देवी श्रीमती संतोष जी श्रीमती सुमन श्री महेंद्र सिंह गोयल भी उपस्थित रहे I
दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की मेरठ शाखा की सैयोजिका साध्वी लोकेशा भारती जी ने बताया कि एक यज्ञ वो होता है जिसमें हम बाहर से आहुति अर्पित करते हैं और वातावरण में शुद्धिकरण होता है, और एक यज्ञ वो होता है जिसमें पूर्ण गुरु मनुष्य के भीतर ब्रह्मज्ञान द्वारा ब्रह्म-अग्नि को प्रज्ज्वलित करके मनुष्य के सभी विकारों को भस्म कर देते हैं I ये बाहरी यज्ञ संकेत है उस ब्रह्म यज्ञ का जो मनुष्य के आंतरिक जगत में होता है I भगवान् श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि हे अर्जुन ज्ञान यज्ञ अर्थात ब्रह्मज्ञान से श्रेष्ठ कोई यज्ञ नहीं I
साध्वी जी ने बताया कि संस्थान द्वारा कई लोगों को ब्रह्मज्ञान की दीक्षा प्रदान की गयी है, जिसके द्वारा उन सब का दिव्य नेत्र खुल सके और सभी ईश्वर का दर्शन अपने भीतर कर सकें क्योंकि इस कथा का उद्देश्य लोगों को मात्र कृष्ण की कथाएं तक ही सीमित रखना नहीं था अपितु उन्हें ब्रह्मज्ञान द्वारा कृष्ण के तत्व रूप से एकाकार करना भी था