बछरावां रायबरेली l बिकास क्षेत्र अंतर्गत एक ऐसा भी गांव है जहां आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित होने के बाद भी आज तक छत नसीब नहीं। इस आंगनबाड़ी केंद्र पर 35 के करीब बच्चे ,2447 की आबादी की जिम्मेदारी , सिर पे छत नही , रोड पे शिक्षा , एवं बटता है पुष्टाहार , 2009 से चलता चला आ रहा है ये सिलसिला l बतादे ग्राम विशुनपुर में स्थित कमनी के तालाब की आंगनबाड़ी का हाल बुरा है , आंगनबाड़ी संचालिका अनीता ने बताया 5500 रुपये मानदेय में अपना परिवार चलाऊं या फिर कमरे का किराया भरूं ,अपने डी पी ओ शरद त्रिपाठी को इसके बारे में कई बार बताया पर कोई भी संतोष जनक उत्तर नही मिलाl ये कहानी है , इस आंगनबाड़ी की , मौके पर तालाब के किनारे दूसरे लोगो के रहमो करम पर इस आंगनबाड़ी की गाड़ी आगे बढ़ रही है , मोहल्लें के रहने वाले लोगो ने आंगनबाड़ी संचालिका और उनकी सहायक जयंती देवी की तारीफ करते हुए कहते है , अगर किसी महिला या बच्चे का पुष्टाहार निश्चित डेट पर लेने नही आता है , दूसरी डेट पर उसे घर पे सूचना देकर उसे पुष्टाहार दिया जाता हैl फिलहाल समस्या बड़ी है , क्योंकि जहाँ पर अभी बच्चों को शिक्षा एवं जननियों का टीकाकरण किया जाता है , वह स्थान सभी ऋतुओं के हिसाब से सही नही , बरसात में यहाँ पर गाँठ गांठ भर पानी भर जाता है , वहीं कभी कभी बरसात में पुष्टाहार भीग जाने पर उसका अर्थदंड भी संचालिका को झेलना पड़ता हैl इस संबंध में डी पी ओ शरद त्रिपाठी से संपर्क करने पर उन्होंने बताया , मामला बहुत सालों से लंबित है , उच्च अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया गया है , उनके आदेशो का ही इंतज़ार है |
फिलहाल आंगनबाड़ी संचालिका की मेहनत से अभी आंगनबाड़ी रोड पर चल रही है |