175 मीटर ऊंची बिल्डिंग से युवक ने लगाई छलांग, प्रॉपर्टी देखने पहुंचा था नोएडा

पुलिस ने बताया कि मृतक उत्तर पश्चिम दिल्ली के रानी बाग इलाके में रहता था. सुपरनोवा बिल्डिंग में एक प्रॉपर्टी देखने आया था. ऐसा संदेह है कि उसने इमारत की 43वीं मंजिल से छलांग लगा दी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

175 मीटर ऊंची बिल्डिंग से युवक ने लगाई छलांग, प्रॉपर्टी देखने पहुंचा था नोएडा

उत्तर प्रदेश के नोएडा में शहर की सबसे ऊंची बिल्डिंग से कूद कर एक शख्स ने आत्महत्या कर ली. पुलिस अधिकारियों ने रविवार को कहा कि नोएडा की सबसे ऊंची इमारत की 43वीं मंजिल से गिरने के बाद दिल्ली के एक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि यह घटना शनिवार की है. जब 43 वर्षीय रोहित कुमार प्रॉपर्टी कंसल्टेंट ने सेक्टर 94 में सुपरटेक सुपरनोवा बिल्डिंग का दौरा किया था. 175 मीटर ऊंची यह इमारत नोएडा की सबसे ऊंची इमारत है. यह एक रेजिडेंशियल कम कमर्शियल प्लेस है. इस बिल्डिंग की ऊपरी मंजिलों में अभी निर्माणाधीन काम चल रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने बताया कि मृतक उत्तर पश्चिम दिल्ली के रानी बाग इलाके में रहता था. सुपरनोवा बिल्डिंग में एक प्रॉपर्टी देखने आया था. ऐसा संदेह है कि उसने इमारत की 43वीं मंजिल से छलांग लगा दी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

पुलिस ने शव को भेजा पोस्टमार्टम के लिए

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने इस पूरे मामले पर कहा कि कंसल्टेंट ने एक प्रॉपर्टी ब्रोकर से मुलाकात की थी और साथ में बिल्डिंग का दौरा किया था. हालांकि, घटना के समय वह 43वीं मंजिल पर अकेला था. क्योंकि डीलर इमारत के भूतल पर आ गया था. इसी दौरान उसने बिल्डिंग से कूद कर जान दे दी. अधिकारी ने कहा कि सेक्टर 126 थाने के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

बिल्डरों के जमीन बकाया पर साधारण ब्याज लिया जाए: नारेडको

वहीं, दूसरी ओर रियल एस्टेट निकाय नारेडको ने उत्तर प्रदेश सरकार से जमीन पर बिल्डरों के बकाया भुगतान पर साधारण ब्याज लेने या हरियाणा की तरह कुल बकाया राशि में से ब्याज का 75 प्रतिशत माफ कर देने का अनुरोध किया है. रियल एस्टेट कंपनियों के शीर्ष संगठन नारेडको की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष आर के अरोड़ा ने राज्य के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को लिखे एक पत्र में बकाया जमीन भुगतान के लिए एकबारगी समाधान नीति अपनाने की गुहार लगाई है.

संगठन ने कहा है कि राज्य सरकार को बिल्डरों को आवंटित जमीन के बकाया भुगतान पर साधारण ब्याज वसूलने या फिर हरियाणा सरकार की ‘समाधान से विकास’ नीति अपनाने के बारे में सोचना चाहिए. उसके बाद बकाया राशि के भुगतान को नए सिरे से निर्धारित किया जाए.